Bihar Panchayat Chunav 2021: पहले चरण के चुनाव के लिए अब मतदाताओं को रिझाने में जुटे प्रत्याशी, चल रहा वादों का दौर

पंचायत चुनाव का रंग गांवों में चढ़ गया है। प्रत्‍याशी विकास से ले‍कर सामाजिक कार्यो के लिए वोट मांग रहे हैं। कहीं पर चुनावी तिकड़म तो कहीं सादगी के साथ विकास के वादे को हथियार के रूप में अपनाया जा रहा है।

By Sumita JaiswalEdited By: Publish:Wed, 15 Sep 2021 07:05 AM (IST) Updated:Wed, 15 Sep 2021 07:05 AM (IST)
Bihar Panchayat Chunav 2021: पहले चरण के चुनाव के लिए अब मतदाताओं को रिझाने में जुटे प्रत्याशी, चल रहा वादों का दौर
अपनी जीत के लिए वादों की झड़ी लगा रहे प्रत्‍याशी, सांकेतिक तस्‍वीर।

भभुआ, संवाद सहयोगी। पंचायत आम निर्वाचन 2021 के पहले चरण की शुरुआत के साथ ही राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है। 24 सितंबर को पहले चरण के लिए वोट डाले जाएंगे। प्रत्याशी विभिन्न पंचायतों में मतदाताओं को अपनी ओर रिझाने में जुटे हुए है। कई प्रकार के वादा भी कर रहे है। इसके लिए प्रत्याशियों द्वारा हर प्रकार का हथकंडा अपनाया जा रहा है। बताया जाता है इसके लिए प्रत्याशी रणनीति तैयार करने में जुट गए हैं। कहीं पर चुनावी तिकड़म तो कहीं सादगी के साथ विकास के वादे को हथियार के रूप में अपनाया जा रहा है। वहीं कुछ ऐसे भी प्रत्याशी हैं जो बुरे दिनों में किए गए सहयोग को वोट के लिए भुनाने में लगे हैं, तो कुछ ऐसा दिखाने की कोशिश कर रहे हैं कि उनके लिए हमसे बेहतर दूसरा कोई विकल्प ही नहीं है। कुछ कोरोना काल में किए गए कार्यों के बल पर चुनाव लड़ रहे है।

चौक-चौराहों से लेकर गली -दलान तक चर्चा:

 जनप्रतिनिधियों को पूर्ण रूपेण मतदाताओं पर भरोसा दिख रहा है। पांच साल तक जनता का काम किए हैं तो इस बार भी जनता मालिक का इनाम और आर्शीवाद अवश्य मिलेगा। कुछ ऐसी ही बातों के साथ सभी चौक-चौराहों से लेकर खेत-खलिहानों तथा गली दलान तक में चुनावी चर्चा का दौड़ प्रारंभ हो गया है। चाय की चुस्की के साथ भी चुनाव की बातचीत चल रही है। कुछ लोग जहां प्रत्याशियों के चरित्र के साथ लोगों के बीच उनके कुशल व्यवहार को केंद्रित कर चुनावी खिचड़ी पकाने में लगे हैं तो वहीं कुछ लोग जातीय समीकरण बनाकर चुनाव का नतीजा निकालने में मशगूल दिख रहे हैं। कुल मिलाकर गांवों का माहौल पूरी तरह राजनीतिमय हो गया है।  कभी सादगी से लड़ा जानेवाला पंचायत चुनाव में भी लोकसभा और विधानसभा चुनाव की तरह ही सरगर्मी दिख रही है। प्रत्‍याशी अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। वहीं मतदाता भी अपने मत के उपयोग के लिए अत्‍यधिक सावधानी बरत रहे हैं।

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