Bihar Panchayat Chunav 2021: नक्सलियों के इलाके में पहुंच बीडीओ ने किया देव प्रखंड के बूथों का निरीक्षण
देव प्रखंड का दुलारे पंचायत नक्सली इलाका होने के कारण कोई भी चुनाव केंद्रीय अद्र्धसैनिक बलों की पहरेदारी में कराया जाता है। यहां चुनाव के दौरान नक्सलियों के द्वारा आइइडी लगाए जाने का डर पुलिस व प्रशासन को बना रहता है। कई चुनाव में आइइडी बरामद भी किया गया है
औरंगाबाद, जागरण संवाददाता। बिहार पंचायत चुनाव 2021 की तैयारी में प्रशासनिक अधिकारी लगे हैं। डीएम के निर्देश पर सोमवार को देव बीडीओ कुंदन कुमार अति नक्सल प्रभावित देव प्रखंड के दुलारे पंचायत में मतदान केंद्रों का निरीक्षण किया। मतदान केंद्रों पर वोटरों की सुविधाओं को देखा। दिव्यांग मतदाताओं के वोट देने के लिए रैंप की सुविधाओं को देखा। मतदान केंद्र पर बिजली और पेयजल की सुविधा का मुआयना किया। मतदान केंद्र का रुट को देखा।
मतदान केंद्र पर जाने की सड़क क्षतिग्रस्त होने के कारण बाइक से जाना पड़ा
निरीक्षण के बाद बीडीओ ने बताया कि मतदान केंद्रों के भौतिक सत्यापन में जो कमियां देखा गया है उसे दूर किया जाएगा। बताया कि दुलारे पंचायत के तेंदुई, गोल्हा, केवल्हा, कर्मा, भालुआहि, पंचायत भवन, बारा विद्यालय में स्थित मतदान केंद्र का भौतिक सत्यापन किया है। भौतिक सत्यापन के दौरान केवल्हा, बारा एवं भलुआही मतदान केंद्र पर बाइक से पहुंचा गया। तीनों मतदान केंद्र पर जाने की सड़क क्षतिग्रस्त होने के कारण बीडीओ को बाइक का सहारा लेना पड़ा। मतदान केंद्रों का निरीक्षण के दौरान बीडीओ ग्रामीणों से सभी बात की। सरकारी योजनाओं का लाभ मिलता है या नहीं इसके बारे में पूछा।
केंद्रीय अद्र्धसैनिक बलों की पहरेदारी में
बीडीओ ने बताया कि मतदान केंद्रों पर मूलभूत सुविधाओं को भी देखा गया है। राज्य निर्वाचन आयोग के गाइड लाइन के तहत जो सुविधा नहीं पाया गया है वह शीघ्र दूर कर लिया जाएगा। बीडीओ ने बताया कि अधिकांश मतदान केंद्रों पर पेयजल, शौचालय, बिजली की व्यवस्था मौजूद थी। मौके पर दुलारे पैक्स अध्यक्ष बिजेंद्र कुमार यादव, सरपंच रामशीष यादव, ढिबरा थाना के एसआइ सूर्यवंश सिंह, नंदकिशोर कुमार,रामकृपाल यादव, सुरेंद्र यादव व पुलिसबल मौजूद रहे। बता दें कि नक्सली इलाका होने के कारण इस पंचायत में कोई भी चुनाव केंद्रीय अद्र्धसैनिक बलों की पहरेदारी में कराया जाता है। इस पंचायत क्षेत्र में चुनाव के दौरान नक्सलियों के द्वारा आइइडी लगाए जाने का डर जिला व पुलिस प्रशासन को बना रहता है। कई चुनाव में आइइडी बरामद भी किया गया है।