Bihar Panchayat Chunav 2021: कैमूर के कुदरा में प्रचार थमने से पहले जुलूस के जरिए शक्ति प्रदर्शन की होड़

त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के पहले चरण में कुदरा प्रखंड में 22 सितंबर को शाम पांच बजे प्रचार थम जाएगा। उससे पहले प्रत्याशियों में जुलूस के जरिए शक्ति प्रदर्शन की होड़ लगी है। प्रत्याशियों को लग रहा है कि जुलूस में जितने अधिक लोग होंगे उतनी ही मजबूत दावेदारी मानी जाएगी।

By Sumita JaiswalEdited By: Publish:Wed, 22 Sep 2021 09:57 AM (IST) Updated:Wed, 22 Sep 2021 10:00 AM (IST)
Bihar Panchayat Chunav 2021: कैमूर के कुदरा में प्रचार थमने से पहले जुलूस के जरिए शक्ति प्रदर्शन की होड़
कुदरा में पंचायत चुनाव के प्रत्‍याशियों के बीच प्रचार की होड़, सांकेतिक तस्‍वीर।

कुदरा (कैमूर), संवाद सूत्र। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव (Bihar Panchayat Chunav 2021) के पहले चरण में कुदरा प्रखंड (Kudra Block of Kaimur) में 22 सितंबर को शाम पांच बजे प्रचार थम जाएगा। लेकिन उससे पहले प्रत्याशियों में जुलूस (Rally) के जरिए शक्ति प्रदर्शन की होड़ लगी है।

प्रत्याशियों को लग रहा है कि जुलूस में जितने अधिक लोग होंगे उतनी ही मजबूत दावेदारी मानी जाएगी। उनका मानना है कि मतदाता अपने वोट को बर्बाद करना नहीं चाहते , इसलिए सामान्य तौर पर वे उसी प्रत्याशी को समर्थन देंगे जिसे सबसे मजबूत दावेदार समझेंगे। यही कारण है कि चुनाव प्रचार (Election Campaign) के अंतिम दौर में शानदार जुलूस का निकाला जाना जरूरी माना जा रहा है।

वोटरों को रिझाने को जोर-शोर से निकाला जुलूस

मंगलवार को अनेक प्रत्याशियों ने जोर-शोर से जुलूस निकालकर मतदाताओं से वोट मांगा। प्रत्याशियों (candidates) के साथ चल रहे समर्थकों ने जोरदार तरीके से नारे लगाकर मतदाताओं को अहसास कराने की कोशिश की कि जीत सिर्फ उसी प्रत्याशी की होगी जिसका वे प्रचार कर रहे हैं। हालांकि धुआंधार चुनाव प्रचार के बावजूद मतदाताओं का असमंजस दूर नहीं हुआ है। मतदाताओं का सबसे अधिक असमंजस मुखिया पद को लेकर है। वे लगातार इस बात को लेकर चिंतन मनन में लगे हुए हैं कि किस प्रत्याशी को वोट दिया जाए जो कि पंचायत के भविष्य को सुरक्षित रख सके। मतदाता प्रत्याशी के गुण व चरित्र से लेकर इस बात का आकलन करने में जुटे हुए हैं कि वह चुनाव जीतने के बाद मतदाताओं को कितना समय दे सकेगा और उनके लिए कितना काम कर सकेगा। प्रत्याशी अपने गांव का है या दूसरे गांव का यह बिंदु भी मतदाताओं के चिंतन मनन का हिस्सा है। प्रत्याशियों के खास प्रचारक मतदाताओं के असमंजस को भांपते हुए उनके निर्णय को अपने पसंद के उम्मीदवार के पक्ष में मोडऩे की भरपूर कोशिश कर रहे हैं।

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