Bihar Lockdown News: बिहार के भभुआ में गाइडलाइन को ताक पर रखकर खुल रही दुकानें, प्रशासन भी मौन
बिहार में फिलहाल कई पाबंदियों के साथ अनलॉक की प्रक्रिया चल रही है। गाइडलाइन के अंतर्गत एक दिन के अंतराल पर दुकानें खोलनी हैं। मगर नियमों की धज्जियां उड़ाकर सभी तरह की दुकानें रोज खुल रही हैं। प्रशासन भी जांच का काम भूल गया है।
भभुआ, संवाद सहयोगी। कोरोना को लेकर अनलॉक के नियम जारी किए गए थे। नियम के अंतर्गत दुकानों को एक दिन के अंतराल पर खोलना था। लेकिन कैमूर जिले के सभी जगहों के बाजारों में हर दिन दुकान खुल रही है। नियमों को ताक पर रखकर दुकानदार दुकान खोल रहे हैं। इस मामले में प्रशासन भी न तो जांच कर रहा है और ना छापेमारी। गाइडलाइन का अनुपालन कराने के लिए भी बाजार में प्रशासन नहीं उतर रहा। जबकि लॉकडाउन में दिन भर प्रशासन की गाड़ी सड़कों पर दौड़ लगाती रहती थी।
इस कारण अब दुकानें रोज खुल रही हैं। बाजारों में नियमों का कोई अनुपालन नहीं हो रहा। वर्तमान समय में प्रशासनिक पदाधिकार भी गाइडलाइन को पालन कराने नहीं उतरते। यही वजह है कि दुकानें हर दिन लगातार खुल रही हैं। जिन दुकानों को नहीं खुलना था, वो भी लगातार खुल रही हैं। दुकानों को शारीरिक दूरी का पालन नहीं होता। ग्राहक तथा दुकानदार दोनों के चेहरे से मास्क भी गायब रहता है। इस प्रकार कोरोना की तीसरी लहर को लोग खुद बुलावा दे रहे हैं। दुकानों पर बाहर लिखा है कि बिना मास्क के प्रवेश वर्जित। लेकिन इस बात का पालन न तो दुकानदार करता है और ना ग्राहक।
यही स्थिति सीएसपी बैंकों में भी है। अस्पताल से लेकर ग्रामीण क्षेत्र के बाजार, खाद की दुकान हो, या सरकारी कार्यालय। हर जगह से अब लगभग लगभग मास्क गायब होते जा रहा है। मानों अब कोरोना का कोई लहर नहीं आएगा। इसी लापरवाही से कोरोना के आंकड़े बढऩे लगते है।
बगैर मास्क निकलते हैं लोग
बाजार में बिना मास्क के ही लोग निकल रहे हैं। लोगों से पूछने पर कहते है कि मास्क लगाने से उनका दम घुटने लगता है। सरकारी व निजी अस्पतालों में भी यही स्थिति है। बगैर मास्क व शारीरिक दूरी के लोग जमा रहते हैं। जबकि सबसे ज्यादा खतरा अस्पताल व बाजारों में ही है। ऐसे लापरवाही से ही कोरोना की तीसरी लहर के आने की आशंका है। मास्क न पहनने पर प्रशासन पहले जुर्माना ही वसूलता था। लेकिन अब वो भी बंद है। बड़ी बात यह है कि कोरोना का ग्राफ बढऩे के बाद लोग व प्रशासन सचेत होते हैं, उसके बाद नियमों को ताख पर रख दिया जाता है। बाजार में आने वाले करीब 70 फीसद लोग मास्क नहीं लगा रहे हैं। जो मास्क पहन कर आते है उसमें से भी कुछ का मास्क नाक से नीचे होता है।