Bihar: आम के शौकीन हैं तो आपके लिए ये जानना बहुत जरूरी है, अगर लापरवाही बरते तो हो सकती बड़ी समस्‍या

कैमूर जिले के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के बाजारों में आम की बिक्री दुकानदारों द्वारा की जा रही है। पिछले दिनों हुई बारिश के बाद बाजार में आम की मांग बढ़ गई है। इसके मद्देनजर फल के व्यवसायी अपने गोदामों में आम का भंडारण बिक्री के अनुसार कर रहे हैं।

By Prashant KumarEdited By: Publish:Sat, 12 Jun 2021 09:28 PM (IST) Updated:Sat, 12 Jun 2021 09:28 PM (IST)
Bihar: आम के शौकीन हैं तो आपके लिए ये जानना बहुत जरूरी है, अगर लापरवाही बरते तो हो सकती बड़ी समस्‍या
कार्बाइड से पके आम हो सकते खतरनाक। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर।

जागरण संवाददाता, भभुआ। कैमूर जिले के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के बाजारों में आम की बिक्री दुकानदारों द्वारा की जा रही है। पिछले दिनों हुई बारिश के बाद बाजार में आम की मांग बढ़ गई है। इसके मद्देनजर फल के व्यवसायी अपने गोदामों में आम का भंडारण बिक्री के अनुसार कर रहे हैं।

बाजारों में फल विक्रेताओं और फिर ठेले वालों के पास आम पहुंच रहा है। जहां पके आम की बिक्री खूब हो रही है। लेकिन आमों को खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखना है कि बाजार में बिक रहे आम स्वाभाविक रूप से पके है या दुकानदारों द्वारा कार्बाइड सहित अन्य केमिकल का उपयोग कर इन्हें पकाया गया है। इसके लिए बाजार में बिक रहे पके आम को खरीदने के पहले जांच परख लें, क्योंकि अगर कार्बाइड या फिर किसी अन्य केमिकल से आम पकाए गए होंगे तो उसे खाने पर स्वास्थ्य को नुकसान हो सकता है।

दरअसल, आम को जल्द पकाने के लिए दुकानदारों द्वारा कार्बाइड सहित अन्य केमिकल का उपयोग किया जा रहा है। बता दें कि इन दिनों जिले में अन्य प्रदेशों से प्रतिदिन कार्बाइड सहित अन्य रसायनों से पकाए गए आम को बड़ी मात्रा में लाया जा रहा है। ट्रकों से जिले में आम की बड़ी खेप प्रतिदिन पहुंच रही है।

जानकारों की मानें तो बाजार से लाए गए आम को खाने से पहले अच्छी तरह से धो लेना चाहिए। उसके कुछ देर बाद उसे उपयोग में लाना चाहिए। दुकानदार ग्राहकों के स्वास्थ्य की अनदेखी कर अधिक पैसा कमाने के चक्कर में कार्बाइड का अधिक उपयोग कर आम को पकाने का काम कर रहे हैं। कार्बाइड से पके आम को खाने से लोग बीमार भी पड़ सकते हैं।

जानकार कहते हैं कि प्राकृतिक रूप से पके आमों की ऊपरी सतह में चमक दिखाई पड़ती है। जबकि रसायन से पकाए गए आम की ऊपरी सतह सिकुड़ी हुई दिखाई पड़ती है। साथ ही प्राकृतिक रूप से पका हुआ आम पूरी तरह से पीला नहीं दिखाई पड़ता है।

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