गया में बन रहा बिहार का पहला सबसे बड़ा वेस्ट रिसाइक्लिंग प्लांट, कचरे से बनेंगी काम की चीजें
30.90 करोड़ की लागत से बिहार का सबसे बड़ा वेस्ट रिसाइक्लिंग प्लांट का निर्माण कार्य हो रहा है। पांच महीने में गया के नैली स्थित डंपिंग ग्राउंड बनकर तैयार हो जाएगा। यहां कपड़ा से बनेगा रस्सी और प्लास्टिक से तैयार होगा दाना। जानिए पूरी डिटेल ।
गया, जागरण संवाददाता। नगर निगम शहर से निकलने वाला कचरा का निष्पादन करने को लेकर काफी गंभीर है। नैली डंपिंग ग्राउंड कचरे के पहाड़ में बदलते जा रहा था। जिससे वातावरण पर बुरा असर पड़ रहा है। स्वच्छ भारत मिशन के तहत कचरे का निष्पादन करने का कार्य डंपिंग ग्राउंड में पांच अप्रैल से चल रहा है। कचरे से निकलने वाले प्लास्टिक को रिसाइकल कर प्लास्टिक का दाना एवं कपड़ा से रस्सी बनाने का काम किया जाएगा। नगर निगम आय बढ़ाने के लिए इसे बाजार में बेचेगा। कचरे का निष्पादन को लेकर नगर निगम द्वारा निविदा निकाली गई थी। जिसमें भोपाल के एक कंपनी को निविदा मिला है। कचरे का निष्पादन का कार्य 30.90 करोड़ रुपये की राशि की जा रही है। तीन महीने में आधा से अधिक कचरे का निष्पादन कर दिया गया है। निष्पादन कार्य में कई मशीन लगे हुए है।
कचरे से निकल रहा है मिट्टी
नैली स्थित डंपिंग ग्राउंड में 1987 से कचरा को जमा किया जा रहा है। वर्षो से कचरे का पहाड़ लगा है। काफी समय होने जाने से कचरे मिट्टी में बदल गया है। मिट्टी से गडढ़े को भरा जा रहा है। जबकि कचरे से निकलने प्लास्टिक, शीशा, बोतल, लोहा आदि सामान का अलग रखा जा रहा है। कपड़ा से रस्सी बनाने के साथ शीशा, बोतल, प्लास्टिक आदि सामान को रिसाइकल किया जाएगा।
कचरे का निष्पादन के लिए लगेगा मशीन
डंपिंग ग्राउंड में कचरे का निष्पादन को लेकर मशीन लगेगी। जमीन को समतल किया जा रहा है। मशीन में सूखा कचरा को रिसाइङ्क्षक्लग किया जाएगा। साथ ही गीला कचरा से जैविक खाद तैयार किया जाएगा। एक दिन में चार सौ टन कचरा का निष्पादन होगा। जबकि शहर से प्रत्येक दिन 288 टन कचरा निकलता है। मशीन लगने के बाद शहर निकलने वाले कचरा का निष्पादन प्रत्येक दिन हो जाएगा। जिससे डंङ्क्षपग ग्राउंड में कचरे का ढेर नहीं होगा।
सूबे में पहला बन रहा प्लांट
नगर निगम आयुक्त सावन कुमार ने बताया कि राज्य में कचरा का निष्पादन के लिए इतना बड़ा प्लांट नगर निगम द्वारा बनाया जा रहा है। कचरे का निष्पादन को लेकर कई आधुनिक मशीन लगेंगे। मशीन द्वारा कचरे को अलग-अलग किया जाएगा। मशीन में सूखा कचरा कई भागो में अलग-अलग हो जाएगा। जिसमें बोतल, लकड़ी, लोहा, कपड़ा आदि वस्तु अलग-अलग हो जाएगा। वहीं गीला कचरा से जैविक खाद तैयार किया जाएगा।
कचरे का निष्पादन को लेकर चल रहे कार्य पूरी तरह से पांच महीने में बनकर तैयार हो जाएगा। निष्पादन को लेकर कई मशीन लगेगी। जिसमें गीला और सूखा कचरे का निष्पादन किया जाएगा। राज्य में पहला कचरा का निष्पादन को लेकर इतना बड़ा प्लांट का निर्माण हो रहा है। प्लांट के निर्माण में नगर निगम को 30.90 करोड़ रुपये खर्च होगा।