Bihar Crime: हावड़ा-गया एक्सप्रेस में सहायक लोको पायलट की दबंगई, ऑन ड्यूटी टीटीई को पीटा
ट्रेन लेकर चल रहे टीटीई को फर्जी बताकर अवैध रूप से सफर करने वालों से घटना को दिलवाया अंजाम पंडित दीन दयान उपाध्याय जंक्शन को दी गई सूचना आरपीएफ और रेल पुलिस हुई एक्टिव आरोपित सहायक लोको पायलट को भेजा गया जेल किऊल रेल थाना केस ट्रांसफर।
जागरण संवाददाता, गया। हावडा़ से चलकर गया आ रही हावड़ा-गया एक्सप्रेस में तिलैया स्टेशन से खुलने पर शुक्रवार को टिकट चेकिंग के दौरान आन ड्यूटी टीटीई को सहायक लोको पायलट और अवैध तरीके से सफर रहे लोगों ने पिटाई कर दी। घटना की सूचना पर पीड़ित टीटीई ने सुरक्षा नियंत्रण कक्ष डीडीयू जंक्शन को दिया। घटना की सूचना मिलते ही ट्रेन जैसे ही गया जंक्शन के प्लेटफार्म संख्या-चार पर पहुंची। आरपीएफ दरोगा विक्रम देव सिंह व जीआरपी पदाधिकारियों ने एक्शन लेते हुए सहायक लोको पायलट पर मुकदमा दर्ज किया। आरोपित सहायक लोको पायलट को जेल भेज दिया गया है। घटना के संबंध में टीटीई ने बताया कि ट्रेन में सफर कर रहे सहायक लोको पायलट के इशारे पर अनधिकृत रूप से बिना किसी पास या टिकट के सफर कर रहे लोगों ने फर्जी टीटीई बोल कर मारपीट की।
आरपीएफ इंस्पेक्टर एएस सिद्दीकी ने बताया कि हावड़ा-गया एक्सप्रेस ट्रेन के आन ड्यूटी टीटीई रामानुज कुमार गुप्ता के निशानदेही पर कुल आठ लोगों को अनधिकृत रूप से ट्रेन के एस-चार कोच में नवादा से गया तक यात्रा करने वालों लोगों को गया जंक्शन पर उतारा गया। इसमें से एक व्यक्ति राकेश कुमार खेलारी स्टेशन धनबाद मंडल में सहायक लोको पायलट के पद पर कार्यरत है। ट्रेन के आन ड्यूटी टीटीई की ओर से यात्रा करने के प्राधिकार के संबंध में पूछने पर मारपीट किया गया। उन्होंने बताया कि ट्रेन से सभी को से उतारकर रेल थाना लाया गया।
टीटीई से मारपीट करने वाला सहायक लोको पायलट राकेश कुमार पर मुकदमा दर्ज कराया गया। गिरफ्तार सहायक लोको पायलट की पहचान शेखपुरा जिला के प्राची गांव निवासी प्रदीप प्रसाद के पुत्र राकेश कुमार के रूप में हुई है। रेल थानाध्यक्ष संतोष कुमार क्षेत्राधिकार के आधार पर एफआइआर को रेल थाना किऊल स्थानांतरित किया गया है। साथ ही ट्रेन के कोच में अन्य सात लोग अनधिकृत रूप से बिना किसी पास या टिकट के यात्रा कर रहे थे, उनपर विरुद्ध टीटीई रामानुज कुमार गुप्ता की ओर से किए गए चार्जशीट पर आरपीएफ रेल अधिनियम के तहत मामला दर्ज करते हुए रेल न्यायालय गया को भेजा गया है।