Bihar: अवैध बालू खनन करने वाली आदित्य मल्टीकाम कंपनी पर औरंगाबाद में आधा दर्जन एफआइआर
बालू खनन का ठेका लेने वाली आदित्य मल्टीकाम कंपनी पर बालू चोरी (अवैध प्रेषण) के मामले में फंस चुकी है। कंपनी पर बालू का अवैध प्रेषण के मामले में जिला खनन पदाधिकारी पंकज कुमार एवं खनन निरीक्षक आजाद आलम के द्वारा अबतक छह प्राथमिकी दर्ज कराई गई है।
जागरण संवाददाता, औरंगाबाद। सोन नदी में बालू खनन का ठेका लेने वाली आदित्य मल्टीकाम कंपनी पर बालू चोरी (अवैध प्रेषण) के मामले में फंस चुकी है। कंपनी पर बालू का अवैध प्रेषण के मामले में जिला खनन पदाधिकारी पंकज कुमार एवं खनन निरीक्षक आजाद आलम के द्वारा अबतक छह प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। कंपनी पर बारुण, बड़ेम, नबीनगर एवं रिसियप थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। कंपनी पर दर्ज की गई प्राथमिकी की जांच के लिए टीम गठित की गई है। एसपी कांतेश कुमार मिश्रा ने बताया कि सदर एसडीपीओ गौतम शरण ओमी के नेतृत्व में टीम गठित की गई है। अवैध प्रेषण के मामले में कंपनी के मालिक एवं प्रबंधक का नाम व पता की जानकारी जिला खनन पदाधिकारी से मांगी गई है। अनुज्ञप्ति पर किसका हस्ताक्षर है और कौन सा व्यक्ति कंपनी का प्रबंधक है, इसकी जानकारी के लिए जिला खनन पदाधिकारी को पत्र लिखा गया है। अबतक कंपनी के मालिक एवं प्रबंधक का नाम के बारे में खनन पदाधिकारी के द्वारा कोई पत्र नहीं दिया गया है।
एसपी ने बताया कि मामले की दर्ज प्राथमिकी में जिला खनन पदाधिकारी ने कंपनी के मालिक एवं प्रबंधक का नाम नहीं लिखा है। जबतक मालिक एवं प्रबंधक का नाम की जानकारी नहीं मिलेगी तबतक अनुसंधान में तेजी नहीं आएगी। अबतक करीब 49 करोड़ राजस्व क्षति की दर्ज हो चुकी है प्राथमिकी कंपनी पर अबतक करीब 49 करोड़ राजस्व क्षति की प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। जिला खनन पदाधिकारी के अनुसार यह राशि कंपनी से वसूलनीय है। इस मामले में जिला खनन पदाधिकारी पर भी सवाल उठ रहा है। कंपनी कई वर्षों से अनुज्ञप्ति लेकर सोन में बालू खनन करने का काम करते रही है पर जिला खनन पदाधिकारी को मालिक यानी अनुज्ञप्ति धारक एवं प्रबंधक के बारे में जानकारी नहीं है।
बता दें कि कंपनी के प्रबंधक से लेकर अन्य कर्मियों का हर समय जिला खनन कार्यालय में आना जाना होते रहा है। जिला खनन पदाधिकारी एवं कार्याल्य के कर्मियों से बात भी होते रहती है पर प्राथमिकी में किसी का नाम नहीं लिखा गया है। नामजद नहीं बनाया गया है। कंपनी पर बालू की अवैध प्रेषण एवं अबतक करीब 49 करोड़ राजस्व क्षति की दर्ज हो चुकी प्राथमिकी को आर्थिक अपराध इकाई अपने अधीन ले सकती है। अवैध खनन के मामले में ईओयू की जांच रिपोर्ट के आधार पर राज्य सरकार के द्वारा की गई बड़ी कार्रवाई और इओयू के द्वारा कई अधिकारियों पर शिकंजा कसे जाने के बाद ही कंपनी पर प्राथमिकी दर्ज की कार्रवाई की गई है। सूत्रों के अनुसार अगर इस कांड को ईओयू अपने अधीन लेकर जांच करेगी तो अवैध खनन के मामले में और बड़ा खुलासा हो सकता है। और कुछ अधिकारी फंस सकते हैं।