Bihar: कोरोना ने 49 बच्चों के सिर से छीन लिया माता-पिता का साया, जानें अब क्या होगा इन बच्चों का
वैश्विक महामारी कोरोना में अपने माता पिता को खो चुके मासूम बच्चों के संरक्षण के लिए प्रशासन ने कवायद शुरू कर दी है। ऐसे बच्चों की तलाश को लेकर जिले में सर्वे का कार्य चल रहा है। अब तक जिले में 49 बच्चों की पहचान की गई है।
जागरण संवाददाता, भभुआ। वैश्विक महामारी कोरोना में अपने माता पिता को खो चुके मासूम बच्चों के संरक्षण के लिए प्रशासन ने कवायद शुरू कर दी है। ऐसे बच्चों की तलाश को लेकर जिले में सर्वे का कार्य चल रहा है। अब तक जिले में 49 बच्चों की पहचान की गई है। जिनका परवरिश योजना के तहत पालन पोषण किया जाएगा। इस संबंध में सहायक निदेशक बाल संरक्षण इकाई अंजलिका कृति ने बताया कि कोरोना संक्रमण काल में अपने माता पिता को खो देने वाले बच्चों को संरक्षित किया जाएगा।
प्राप्त दिशा निर्देश के आलोक में ऐसे बच्चों की पहचान के लिए सर्वे का काम चल रहा है। जिसमें अब तक 49 बच्चों की पहचान की गई है। जिनकी रिपोर्ट राज्य मुख्यालय को भेज दी गई है। उन्होंने बताया कि सभी चिह्नित बच्चों का डाटा बाल स्वराज पोर्टल पर अपलोड किया गया है। इन बच्चों को बाल सहायता योजना से अब 15 सौ रुपए मिलेंगे। सहायक निदेशक ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि किसी भी अनाथ हुए बच्चे, जिसका कोई निकटतम संबंधी उसकी देखभाल नहीं करते हैं तो वैसे बच्चों को किशोर न्याय के तहत देखरेख एवं संरक्षण के लिए सरकारी सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए नजदीक के थाना में सूचना दें
24 घंटे के भीतर बाल कल्याण समिति को सौंपा जाएगा ताकि ऐसे बच्चों की परवरिश हो सके। उन्होंने कहा कि अगर कोई व्यक्ति ऐसे बच्चों को गोद लेकर अपनाना चाहते हैं तो उन्हें जारी गाइडलाइन का अनुपालन प्रक्रिया को पूरी करने के साथ पूर्ण करना होगा। कानूनी प्रक्रिया पूरी किए बिना गोद लेना गैरकानूनी और दंडनीय माना जाएगा। उन्होंने कहा कि यदि किसी बच्चे के माता पिता दोनों की मृत्यु हो गई है तो उन्हें किसी व्यक्ति के द्वारा कानूनी प्रक्रिया का पालन किए बिना गोद लेना गैर कानूनी है।
अगर कोई बच्चे को गोद लेने की पेशकश करते हैं तो उन्हें कानूनी प्रक्रिया पूरी करने के बाद नियमानुकूल ही बच्चे को गोद ले सकेंगे। इसके लिए दत्तक संस्थान की वेबसाइट पर आवेदन करना होगा।