बिहार कृषि व्यथा: किसानों का दर्द बढ़ा रही यूरिया खाद, कैमूर में बिस्कोमान पर हो रही धक्का-मुक्की

अन्नदाता कहे जाने वाले किसानों की समस्याएं कम होने का नाम नहीं ले रही है। खरीफ फसल के मौसम में बीज पानी खाद जैसी समस्याओं ने किसानों को बेदम कर दिया है। रोहिणी नक्षत्र में बहुत अरमान के साथ किसानों ने धान का बिचड़ा डाला।

By Prashant KumarEdited By: Publish:Sat, 24 Jul 2021 03:56 PM (IST) Updated:Sat, 24 Jul 2021 03:56 PM (IST)
बिहार कृषि व्यथा: किसानों का दर्द बढ़ा रही यूरिया खाद, कैमूर में बिस्कोमान पर हो रही धक्का-मुक्की
किसानों का दर्द बढ़ा रही यूरिया खाद। प्रतीकात्मक तस्वीर।

संवाद सहयोगी, मोहनियां (भभुआ)। अन्नदाता कहे जाने वाले किसानों की समस्याएं कम होने का नाम नहीं ले रही है। खरीफ फसल के मौसम में बीज, पानी, खाद जैसी समस्याओं ने किसानों को बेदम कर दिया है। रोहिणी नक्षत्र में बहुत अरमान के साथ किसानों ने धान का बिचड़ा डाला। जब रोपनी का समय आया तो पानी से बिचड़े डूब गए। इस समस्या से उबरे किसान जब रोपनी शुरू किए तो पानी की किल्लत हो गई।

किसी तरह निजी संसाधन से किसानों ने धान की रोपाई कराया। अधिकतर किसान पानी के अभाव में समय से रोपनी कराने पिछड़ गए। जब खाद देने की बारी आई तो बाजार से यूरिया गायब हो गई। सरकारी तौर पर किसानों को खाद उपलब्ध कराने वाला बिस्कोमान भी हाथ खड़ा कर दिया। इसके बाद बाजार में यूरिया की कालाबाजारी शुरू ही गई। करीब एक माह तक यूरिया से बिस्कोमान का गोदाम खाली रहा।

मंगलवार को यूरिया का रैक आने के बाद जिले के 10 बिस्कोमान केंद्रों पर यूरिया पहुंची। जिसमें मोहनियां, कटरा कला, रामगढ़, कुदरा, दुर्गावती, भभुआ के सपनौतिया, चैनपुर, चांद के पवरा बिस्कोमान केंद्र शामिल है। गुरुवार से बिस्कोमान के गोदामों से यूरिया की खरीद शुरू हुई। लंबे समय के बाद यूरिया की उपलब्धता देख किसानों के धैर्य का बांध टूट गया। बिस्कोमान के गोदाम पर भारी संख्या में किसान यूरिया लेने के लिए पहुंच गए।

सूर्योदय होते होते किसान बिस्कोमान केंद्र पर पहुंचने लगे। नौ बजे तक बिस्कोमान केंद्र पर किसानों की लंबी कतार लग गई। कार्यालय खुलने से पहले काउंटर पर किसानों में धक्का-मुक्की होने लगी। काउंटर पर किसी तरह पहले पहुंचने की होड़ लगी थी। जिस तरह नई रिलीज होने वाली फिल्मों को पहले देखने के लिए सिनेमा घर की खिड़की पर टिकट लेने के लिए दर्शकों की भीड़ होती थी वही नजारा बिस्कोमान के काउंटर पर देखने को मिल रहा था।

किसानों की भीड़ जब बेकाबू हो गई तो धक्का-मुक्की होने लगी। स्थिति बिगड़ते देख बिस्कोमान के पदाधिकारियों ने मोहनियां थाना को सूचित किया। मौके पर पहुंचे पुलिस पदाधिकारी भी किसानों की भीड़ देखकर परेशान हो गए। भीड़ को काबू करने में पुलिस के पसीने छूट गए। अपराह्न तीन बजे तक करीब डेढ़ सौ किसान यूरिया खरीद चुके थे। सौ से अधिक किसान कतार में खड़े थे। यही स्थिति जिला के अन्य बिस्कोमान केंद्रों की थी। हर जगह यूरिया लेने के लिए धक्का-मुक्की हो रही थी।

इस संबंध में बिस्कोमान के क्षेत्रीय पदाधिकारी रवि आनंद ने बताया कि गुरुवार से जिले के 10 बिस्कोमान केंद्रों  पर किसानों को यूरिया उपलब्ध कराई जा रही है। जिले में 11450 बोरी यूरिया की आपूर्ति हुई है। इसमें मोहनियां को 2600 बोरी, कटरा कला को एक हजार, रामगढ़ को 2550, कुदरा को 1100 बोरी, दुर्गावती को 1000 बोरी, भभुआ के सपनौतिया बिस्कोमान को एक हजार, चैनपुर को 11 सौ बोरी चांद के पवरा बिस्कोमान केंद्र को 1100 बोरी  यूरिया उपलब्ध कराई गई है।

उन्होंने कहा कि बिस्कोमान किसानों को यूरिया उपलब्ध कराने के लिए प्रयासरत है। जिले में यूरिया की कमी नहीं होने दी जाएगी। किसान धैर्य रखें। कतारबद्ध होकर केंद्र के काउंटर से यूरिया की खरीद करें। एक किसान को आधारकार्ड के आधार पर पांच बोरी यूरिया मिल रही है। जितना यूरिया का आवंटन हुआ है उसके समाप्त होने से पहले यूरिया का रैक मंगाने का प्रयास किया जा रहा है। जिससे किसानों को यूरिया के लिए परेशान नहीं होना पड़े। 

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