बिहार के गया में मतांतरण का बड़ा खेल, महादलित परिवारों को प्रलोभन देकर बनाया जा रहा है ईसाई

बिहार के गया में इसाई मिशनरियों द्वारा महादलित परिवारों को प्रलोभन देकर उनका मतांतरण कराया जा रहा है। ऐसी एक घटना बाजितपुर महादलित टोला व बेलवाडीह ताड़ पर गांव में समाने आई है। क्‍या है पूरा मामला जानिए इस खबर में।

By Amit AlokEdited By: Publish:Fri, 16 Jul 2021 04:45 PM (IST) Updated:Fri, 16 Jul 2021 04:51 PM (IST)
बिहार के गया में मतांतरण का बड़ा खेल, महादलित परिवारों को प्रलोभन देकर बनाया जा रहा है ईसाई
गया में इसाई मिशनरियों द्वारा महादलित परिवारों को प्रलोभन देकर मतांतरण की प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर।

गया, जागरण संवाददाता। बिहार के गया में अनुसूचित जाति के लोगों के मतांतरण (Conversion into Christianity) का खेल चल रहा है। पिछले एक माह में नगर प्रखंड के दुबहल गांव (Dubhal Village) के महादलित टोले में 20 हिंदू परिवारों को ईसाई (Christian) बनाया गया है। दुबहल नैली पंचायत के बाजितपुर महादलित टोला व बेलवाडीह ताड़ पर गांव में अचानक लोगों ने इसाई प्रार्थना सभाओं (Christian Prayers) में जाना शुरू कर दिया। फिर धीरे-धीरे 15-20 घरों के लोगों ने ईसाई धर्म (Christianity) अपना लिया। इस बाबत पूछने पर पुलिस ने जबरन मतांतरण (Forced Conversion) की किसी घटना की जानकारी से इनकार किया है।

ग्रामीणों ने स्वेच्छा से कुबूल किया ईसाई धर्म

दुबहल गांव गया जिला मुख्यालय से महज चार से पांच किलोमीटर की दूरी पर है। गांव के रघुवंशी बताते हैं कि पिछले कई महीनों से महिलाओं ने पूजा-पाठ छोड़ दिया है। वे सभी प्रार्थना सभा में शामिल होती हैं। वहीं, महिलाओं ने कहा कि उन पर कोई दबाव नहीं डाला गया है, बल्कि स्वेच्छा से ईसाई धर्म को कुबूल किया है।

अंधविश्‍वास बना मतांतरण का बड़ा कारण

गांव के लोगों को अंधविश्वास के शिकंजे में भी जकड़ दिया गया है। गांव की भोली-भाली महिलाएं कहती हैं कि पहले टोला में किसी का बच्चा गायब हो जाता था। छत से गिर जाता था, लेकिन जब से मतांतरण किया है, ऐसी घटनाएं बंद हो गई हैं। वे कहती हैं कि उनसे कोई ठगी नहीं की गई है। वहां मूर्ति पूजा नहीं होती है। बस एक मुट्ठी चावल और कुछ राशि दान करते हैं। प्रार्थना सभा में परिवार और समाज के कल्याण के लिए प्रभु से निवेदन किया जाता है।

मतांतरण के लिए प्रेरित करतीं मिशनरियां

विदित हो कि मतांतरण कराने वाले मिशनरी की वैसे परिवारों पर नजर रहती है, जो आर्थिक रूप से मुश्किल में हैं। गया में इलाज के नाम पर भी मतांतरण के लिए प्रेरित किया जा रहा है। यह सब बहुत सुनियोजित तरीके से चल रहा है। दो साल पहले भी शहर में लोगों ने प्रार्थना के नाम पर लोगों को बरगलाने का विरोध किया था। बेलागंज में भी अनुसूचित जाति के परिवारों का मतांतरण कराया गया था।

पुलिस ने किया जबरन मतांतरण से इनकार

इस संबंध में गया के मेडिकल थाना की पुलिस का कहना है कि जबरन मतांतरण की कोई शिकायत नहीं मिली है। स्वेच्छा से मतांतरण अलग बात है। हां, दबाव देकर धर्म परिवर्तन गलत है। ऐसी कोई शिकायत आती है तो कार्रवाई की जाएगी।

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