बिहार में शिक्षा विभाग की बड़ी कार्रवाई, औरंगाबाद के छह स्‍कूलों के हेडमास्‍टर व अकाउंटेंट का वेतन बंद

औरंगाबाद के छह विद्यालयों का खाता बंद नहीं करने के मामले में संबंधित विद्यालयों के प्रधानाध्यापक एवं लेखापाल का वेतन भुगतान पर रोक लगा दी गई है। जिन विद्यालयों के प्रधानाध्यापक एवं लेखापाल का वेतन बंद किया गया है।

By Prashant KumarEdited By: Publish:Tue, 21 Sep 2021 04:20 PM (IST) Updated:Tue, 21 Sep 2021 04:20 PM (IST)
बिहार में शिक्षा विभाग की बड़ी कार्रवाई, औरंगाबाद के छह स्‍कूलों के हेडमास्‍टर व अकाउंटेंट का वेतन बंद
औरंगाबाद के छह प्रधान शिक्षकों का वेतन रुका। सांकेतिक तस्‍वीर।

जागरण संवाददाता, औरंगाबाद। जिले के छह विद्यालयों का खाता बंद नहीं करने के मामले में संबंधित विद्यालयों के प्रधानाध्यापक एवं लेखापाल का वेतन भुगतान पर रोक लगा दी गई है। जिन विद्यालयों के प्रधानाध्यापक एवं लेखापाल का वेतन बंद किया गया है। उनमें देव प्रखंड के प्राथमिक विद्यालय चिनगी, ओबरा प्रखंड के प्राथमिक विद्यालय गैनी, नबीनगर प्रखंड के प्राथमिक विद्यालय खदहा, मध्य विद्यालय बैरिया, मध्य विद्यालय नावाडीह एवं सदर प्रखंड के मध्य विद्यालय बसडीहा कला शामिल है। जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीइओ) ने बताया कि डीडीसी के द्वारा शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक में पाया गया कि विद्यालय को केंद्र सरकार से जो राशि दी गई थी उस शेष राशि को सूद सहित जिला को वापस करना है और खाता बंद कर देना है। उपरोक्त छह विद्यालयों के द्वारा खाता बंद नहीं किया गया है।

खाता बंद नहीं करने के आरोप में उक्त विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों एवं लेखापाल का वेतन बंद करते हुए स्पष्टीकरण की मांग की गई है। डीएम के द्वारा एक सप्ताह के अंदर खाता बंद करने का आदेश दिया गया है। जिला शिक्षा पदाधिकारी ने बताया कि मदनुपर, कुटुंबा, नबीनगर, सदर एवं ओबरा प्रखंड के शिक्षा पदाधिकारी से स्पष्टीकरण मांगी गई है। सभी को अनुश्रवण प्रतिवेदन जमा करने का निर्देश दिया गया है।

बताया कि पूर्व की बैठक में निर्देश दिया गया था कि सभी विद्यालयों के पासबुक, कैशबुक, अभिश्रव एवं लंबित उपयोगिता प्रमाण पत्र की जांच एक सप्ताह के अंदर संकुल समन्वयक से कराकर प्रतिवेदन जमा करना था। उपरोक्त प्रखंडों के बीइओ के द्वारा निर्देश का अनुपालन नहीं किया गया और प्रतिवेदन जमा नहीं किया गया।

11 विद्यालयों में विवाद के कारण गठित नहीं हुई है समिति

डीइओ ने बताया कि जिले के 11 विद्यालयों में विवाद के कारण शिक्षा समिति का गठन नहीं किया गया है। पंचायत चुनाव के संपन्न होते ही आदर्श आचार संहिता समाप्त होते ही समिति का गठन कराया जाएगा। डीइओ ने बताया कि विद्यालय के भवन निर्माण में सरकारी राशि का गबन करने के आरोप में जिन विद्यालयों के प्रधान शिक्षकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है उनसे राशि की वसूली के लिए सर्टिफिकेट केस कर वसूली करने की कार्रवाई की जाएगी।

शिक्षकों की उपस्थिति को लेकर नियंत्रण कक्ष का गठन

विद्यालयों में शिक्षकों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए नियंत्रण कक्ष का गठन किया जा रहा है। डीइओ ने कहा कि जिला स्तरीय पदाधिकारी प्रत्येक दिन कम से कम तीन एवं प्रखंडस्तरीय पदाधिकारी कम से कम 10 विद्यालयों का प्रतिदिन निरीक्षण करेंगे। विद्यालय के प्रार्थना सत्र, वर्ग कक्ष एवं शिक्षकों की उपस्थिति पंजी का फोटो के साथ प्रतिवेदन जिला कार्यालय को समर्पित करेंगे। पंचायत चुनाव को लेकर विद्यालयों में बनाए गए मतदान केंद्रों पर सफाई, शौचालय, बिजली, पेयजल, फर्नीचर आदी बुनियादी सुविधा को बहाल करने के लिए सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों को दिया गया है।

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