भभुआ की दुष्कर्म पीडि़ता को सवा साल में मिला इंसाफ, 12 साल जेल में काटेगा आरोपी, करना होगा श्रमदान
एक बार फिर न्याय का डंका बजा। समय रहते पीडि़ता को इंसाफ मिल गया। मात्र सवा साल में फैसला आ गया और आरोपी को कठोर सजा का ऐलान हुआ। अगर छुट्टियां नहीं होती तो फैसला आने में एक साल से भी कम वक्त लगा होता।
जागरण संवाददाता, भभुआ। एक बार फिर न्याय का डंका बजा। समय रहते पीडि़ता को इंसाफ मिल गया। मात्र सवा साल में फैसला आ गया और आरोपी को कठोर सजा का ऐलान हुआ। अगर छुट्टियां नहीं होती तो फैसला आने में एक साल से भी कम वक्त लगा होता। बहरहाल, पीडि़ता के शरीर पर लगे जख्म तो भर गए होंगे और उम्मीद है कि रूह पर पड़े निशान भी इस फैसले के बाद फीके पड़ने लगेंगे।
कैमूर जिले के चांद थाना क्षेत्र के एक गांव की नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म के मामले में अभियुक्त को स्थानीय व्यवहार न्यायालय के एडीजे षष्टम पाक्सो विशेष न्यायाधीश संदीप कुमार मिश्र की अदालत ने 12 वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। सजा पाने वाला अभियुक्त चांद थाना क्षेत्र के बिउरी गांव निवासी विजयमल राम का पुत्र अनिष कुमार बताया जाता है।
मिली जानकारी के अनुसार धारा 376 भादवि में अभियुक्त को दस वर्ष सश्रम कारावास और दस हजार रुपए जुर्माना लगाया गया है। जुर्माना की राशि नहीं देने पर चार माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। वहीं धारा चार पाक्सो एक्ट में 12 वर्ष सश्रम कारावास की सजा और दस हजार रुपए जुर्माना की सजा सुनाई गई है। जुर्माना नहीं देने पर छह माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।
इस मामले में सूचक नाबालिग लड़की ने बताया है कि आठ मार्च 2020 को शाम चार बजे घास लेने के लिए वह गांव से बाहर थी। उसी समय अनिष कुमार आया और मुझे अकेले पाकर पकड़ लिया और दुष्कर्म किया। मामला विचारण के दौरान विद्वान न्यायाधीश ने उक्त आरोपी को दोषी मानते हुए उपरोक्त सजा सुनाई। विशेष लोक अभियोजक शशि भूषण पांडेय रहे।
गौरतलब है कि राजधानी पटना (Patna) में इस साल पॉस्को एक्ट के तहत दर्ज आधा दर्जन मामलों की सुनवाई बहुत कम समय में पूरी कर ली गई थी। एक मामले में न्यायालय ने मुख्य आरोपी को मृत्युदंड दिया था। वहीं, उसके सहयोगी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। इसी तरह के दूसरे मामलों में भी दोषियों को कठोर सजा दी गई।