गया में भाभी के हत्यारे देवर को उम्रकैद की सजा, दुष्‍कर्म में विफल रहने पर केरोसिन डाल जला दिया था

गया के गुरुआ थाना क्षेत्र के एक युवक को कोर्ट ने उम्रकैद की सजा और 30 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। उसे अपनी भाभी से दुष्‍कर्म का प्रयास करने और विफल रहने पर केरोसिन डालकर हत्‍या करने का दोषी ठहराया गया है।

By Vyas ChandraEdited By: Publish:Thu, 28 Jan 2021 06:38 AM (IST) Updated:Thu, 28 Jan 2021 12:53 PM (IST)
गया में भाभी के हत्यारे देवर को उम्रकैद की सजा, दुष्‍कर्म में विफल रहने पर केरोसिन डाल जला दिया था
हत्‍या के दोषी देवर को उम्रकैद की सजा। प्रतीकात्‍मक फोटो

जागरण संवाददाता, गया। दुष्‍कर्म में विफल रहने पर अपनी भाभी को केरोसिन डालकर जिंदा जला कर मार डालने वाले देवर को एडीजे कोर्ट ने  बुधवार को उम्रकैद की सजा सुनाई है। प्रथम एडीजे वीरेंद्र कुमार मिश्रा ने जेल में बंद अभियुक्त रंजीत पासवान को यह सजा सुनाई। उसपर तीस हजार रुपया आर्थिक दंड भी लगाया गया है। एडीजे कोर्ट ने उसे दुष्कर्म के प्रयास में भी सजा सुनाई है। गुरुआ थाना के ग्राम बरमा निवासी रंजीत पासवान को यह सजा सुनाई गई है।

पुलिस को बयान देने के बाद हो गई थी महिला की मौत

एपीपी कमलेश कुमार सिन्हा ने बताया कि घटना 30 नवंबर 2016 की है। रानी देवी के बयान पर पुलिस ने अभियुक्त के विरुद्ध नामजद प्राथमिकी गुरुआ थाना कांड संख्या 170/16 दर्ज की थी। दरअसल रानी देवी की शादी अजय पासवान के साथ घटना के तीन वर्ष पूर्व हुई थी। लेकिन उसका देवर रंजीत पासवान शुरू से ही उसके साथ बदतमीजी करता था। जिस समय वह अस्‍पताल लाई गई वह बुरी तरह जली हुई थी। मेडिकल कॉलेज अस्पताल में उसी अवस्‍था में उसने पुलिस को बयान दिया था। इसके बाद इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया था।

आग लगाने के बाद कमरा बंद कर भाग गया था

रानी देवी ने अपने बयान में कहा कि उसका देवर रंजीत पासवान उस पर बुरी नजर रखता था। घटना के दिन उसे अकेला पाकर देवर ने  दुष्कर्म करने का प्रयास किया था। विरोध करने पर गुस्‍से में उसने केरोसिन तेल उड़ेलकर उसके शरीर में आग लगा दी। इसके बाद दरवाजा बंद कर भाग गया था। शोर मचाने पर आसपास के लोग जुटे तब उसे बाहर निकाला गया। इलाज के दौरान 2 दिसंबर को मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल में उसकी मौत हो गई थी। बाद में पुलिस ने रंजीत पासवान को गिरफ्तार कर लिया था। इस मुकदमे में अभियोजन की ओर से डॉक्टर एवं अनुसंधानकर्ता सहित सात गवाहों का परीक्षण कराया गया था।  बचाव पक्ष से अधिवक्ता अर्जुन प्रसाद ने बहस किया।

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