भभुआ: उज्जवला योजना के सिलेंडर पहुंच रहे होटल, हो रहा व्यवसायिक उपयोग

रसोई गैस की बढ़ी कीमत के कारण गरीब गैस का उपयोग नहीं कर पा रहे हैं। वे लोग पुन लकड़ी व उपला की ओर लौटने लगे हैं। वहीं उनके कार्ड पर आए गैस सिलेंडर को होटलवाले उठा ले रहे हैं और धड़ल्‍ले से व्‍यावसायिक प्रयोग कर रहे हैं।

By Sumita JaiswalEdited By: Publish:Sun, 20 Jun 2021 11:12 AM (IST) Updated:Sun, 20 Jun 2021 01:22 PM (IST)
भभुआ:  उज्जवला योजना के सिलेंडर पहुंच रहे होटल, हो रहा व्यवसायिक उपयोग
उज्‍ज्‍वला योजना के तहत मिलनेवाली गैस सिलेंडर का हो रहा दुरुपयोग, सांकेतिक तस्‍वीर ।

भभुआ, संवाद सहयोगी। सरकार ने एक तरफ धुआं से मुक्ति दिलाने के लिए उज्‍ज्‍वला योजना के अंतर्गत बीपीएल धारी को मुफ्त में गैस चुल्हा व सिलेंडर दिया है। पहली बार एजेंसी से मुफ्त गैस भर कर सिलेंडर मिला। उसके बाद से गैस की रिफिलिंग कराने बीपीएलधारी नहीं पहुंच रहे हैं। दरअसल गैस की बढ़ी कीमत लोगों को रसोई गैस से दूर कर रही है। लोग पुन: लकड़ी व उपला की ओर लौटने लगे हैं। वर्तमान समय में जिले में गैस का रिफिलिंग चार्ज 910 रूपए है। ऐसे में लोगों को गैस का रिफिलिंग कराने में दिक्कत हो रही है। जबकि सब्सिडी के नाम पर मात्र 70 रूपए के आसपास ही खाता में आ रहा है। इस कारण लोग उज्ज्‍वला योजना के तहत में मिले गैस सिलेंडर नहीं उठा रहे हैं। बस इसी का फायदा होटल वाले उठा रहे हैं। बीपीएल कार्डधारी लोगों के नाम पर आए गैस सिलेंडर को वो खुद उठा ले रहे हैं और धड़ल्‍ले से व्‍यावसायिक प्रयोग कर रहे हैं। जबकि सरकार ने व्यवसायिक उपयोग के लिए 19 किलोवाला गैस सिलेंडर निर्धारित किया है। मगर व्‍यावसायकि गैस सिलेंडर की कीमत अधिक होने तथा सब्सिडी नहीं होने के कारण उज्ज्‍वला योजना के तहत मिलनेवाले गैस सिलेंडर ले रहे हैं।

छोटे-छोटे बाजारों में भी दुरूपयोग

इस तरह घरेलू उपयोग वाले रसोई गैस का धड़ल्ले से दुरुपयोग हो रहा है। जिला मुख्यालय से लेकर छोटे-मोटे बाजारों तक, बड़़े-बड़े होटलों से लेकर चाय नाश्ते की दुकानों पर भी धड़ल्ले से घरेलू रसोई गैस का उपयोग किया जा रहा है। जांच नहीं होने के कारण बेखौफ होकर होटल व चाय नाश्ते की दुकान वाले घरेलू गैस का उपयोग कर रहे हैं। सरकारी व्यवस्था के तहत पांच किलो एवं 14.2 किलो वाला गैस सिलेंडर घरेलू उपयोग के लिए है। जबकि 19 किलो वाला गैस सिलेंडर व्यवसायिक उपयोग के लिए है। जिस पर सरकारी स्तर से किसी भी तरह की सब्सिडी नहीं है। इसलिए होटल वाले व चाय नाश्ते की दुकान वाले व्यवसायिक सिलेंडर की बजाए घरेलू सिलेंडर का अवैध तरीके से उपयोग कर रहे हैं। कुछ अधिक पैसे देने पर होटल वालों व चाय नाश्ते की दुकान वालों को घरेलू गैस आसानी से उपलब्ध हो जा रही है।

लाभुक महंगे सिलेंडर खरीद नहीं पाते

एजेंसी मालिकों का कहना है कि मात्र 20-30 प्रतिशत ही जिला में उज्जवला के लाभुक गैस का रिफिलिंग करवा रहे हैं। उज्ज्वला योजना के तहत गरीबों को दिए गए कनेक्शन के बलबूते यह गोरखधंधा चल रहा है। अधिकांश उज्ज्वला योजना के लाभुक अपना गैस एजेंसी से नहीं उठाते हैं। उनके कार्ड पर कुछ रुपये के लेन-देन के साथ होटल व चाय नाश्ते की दुकानों को गैस सिलेंडर उपलब्ध करा दिया जाता है। कुछ होटल और चाय नाश्ते की दुकान वाले दिखावे के लिए 19 किलो वाला सिलेंडर दुकान के आगे रख देते हैं और कारोबार घरेलू गैस सिलेंडर से करते हैं।

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