भभुआ प्रशासन का आदेश बेअसर, स्‍टैंड की जगह एकता चौक से ही खुल रहीं बसें, रोज लगता जाम

भभुआ व मोहनियां अनुमंडल मुख्यालय में इधर-उधर बस खड़ा कर सवारी बैठाने पर अंकुश लगाने के लिए प्रशासन द्वारा बसों को बस स्टैंड पर ही खड़ा करने का आदेश जारी किया गया था। लेकिन इस आदेश का एक दिन भी पालन नहीं हो सका।

By Prashant KumarEdited By: Publish:Mon, 01 Mar 2021 11:12 AM (IST) Updated:Mon, 01 Mar 2021 11:12 AM (IST)
भभुआ प्रशासन का आदेश बेअसर, स्‍टैंड की जगह एकता चौक से ही खुल रहीं बसें, रोज लगता जाम
एकता चौक पर बसें खड़ी रहने के कारण लगता जाम। जागरण।

जागरण संवाददाता, भभुआ। जिले के भभुआ व मोहनियां अनुमंडल मुख्यालय में इधर-उधर बस खड़ा कर सवारी बैठाने पर अंकुश लगाने के लिए प्रशासन द्वारा बसों को बस स्टैंड पर ही खड़ा करने का आदेश जारी किया गया था। लेकिन इस आदेश का एक दिन भी पालन नहीं हो सका। इसके चलते आज भी दोनों जगहों पर बसों को इधर-उधर खड़ा कर चालक व खलासी सवारी बैठाते व उतारते हैं।

भभुआ नगर में एकता चौक से ही सुबह के दस बजे तक बसें खुल रही हैं। इसके बाद रात में नौ बजे के बाद भी कई बसों को सड़कों पर खड़ा देखा जाता है। बता दें कि नगर का एकता चौक हृदय स्थली माना जाता है। इस जगह अल सुबह से देर रात तक लोगों की काफी भीड़ रहती है। यहां ग्रामीण क्षेत्र से बाजार करने के लिए काफी संख्या में लोग प्रतिदिन आते जाते हैं। सुबह के समय बाजार में टहलने के साथ कई लोग ताजी सब्जी खरीदने बाजार में आते हैं। बाजार में सुबह के समय सब्जी विक्रेताओं की भी खूब भीड़ रहती है। ऐसे में सड़क पर ही बसों के खड़ा होने से लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है।

पटना बनारस सहित अन्य स्थानों पर जाने वाली बसें भोर के चार बजे ही सड़क पर खड़ा हो जाती हैं। जिनके चालक व खलासी सवारी बैठाने के लिए प्रेशर हार्न का उपयोग करते हैं। इसके चलते मुख्य सड़क के किनारे बने मकानों में रहने वाले लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। जबकि वाहनों में प्रेशर हॉर्न बजाने पर जुर्माना भी लगाने का प्रावधान है। फिर भी इस दिशा में अब तक परिवहन विभाग द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है। इन्हीं सब समस्याओं को देखते हुए जिला प्रशासन के निर्देश पर एसडीएम द्वारा यह आदेश जारी किया गया था कि अब सभी तरह की सवारी बसें अखलासपुर बस स्टैंड से ही खुलेंगी। लेकिन इस आदेश का असर किसी बस संचालक पर नहीं हुआ। जिसके चलते आज भी स्थिति पूर्ववत बनी हुई है।

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