सावधान रहें! गयाजी के मेला क्षेत्र में नाले के खुले हैं चेंबर में गिर न जाएं, देश-विदेश को जा रहा गलत संदेश

सनातन धर्म में गया धाम का काफी महत्व है। क्योंकि इसे मोक्ष नगरी भी कहा जाता है। जहां प्रत्येक दिन काफी संख्या में देश विदेश से तीर्थयात्री आते हैं और अपने पितरों के मोक्ष की कामना को लेकर पिंडदान एवं फल्गु नदी के पवित्र जल से तर्पण करते हैं।

By Prashant KumarEdited By: Publish:Sat, 27 Feb 2021 10:47 AM (IST) Updated:Sat, 27 Feb 2021 10:47 AM (IST)
सावधान रहें! गयाजी के मेला क्षेत्र में नाले के खुले हैं चेंबर में गिर न जाएं, देश-विदेश को जा रहा गलत संदेश
गया मेला इलाके में खुला नाला खतरा का कारण। जागरण।

जागरण संवादाता, गया। सनातन धर्म में गया धाम का काफी महत्व है। क्योंकि इसे मोक्ष नगरी भी कहा जाता है। जहां प्रत्येक दिन काफी संख्या में देश विदेश से तीर्थयात्री आते हैं और अपने पितरों के मोक्ष की कामना को लेकर पिंडदान एवं फल्गु नदी के पवित्र जल से तर्पण करते हैं। लेकिन सबसे अधिक तीर्थयात्री पितृपक्ष मेला में आते हैं। जहां जिला प्रशासन एवं नगर निगम द्वारा तीर्थ यात्रियों की सुविधा के लिए कई कार्य किए जाते हैं। लेकिन शहर में स्थित नाले का चेंबर खुला रहने से तीर्थयात्रियों एवं आम लोगों के आवागमन में परेशानी हो रही है। जबकि नगर निगम प्रत्येक वर्ष चेंबर को ढकने के लिए लाखों रुपए खर्च करती है। फिर भी मेला क्षेत्र में एवं शहर में कई स्थानों पर खुला पड़ा है। जिसमें लोग गिरकर जख्मी हो रहे है। साथ ही  पशु गिर कर भी जख्मी हो रहा है। जिसे देखने वाला नगर निगम के कि कोई भी पदाधिकारी नहीं है।

सबसे अधिक खुला चेंबर मेला क्षेत्र में

नाले का सबसे अधिक खुला चेंबर मेला क्षेत्र में देखा जा रहा है। क्योंकि मेला क्षेत्र में शहर के कई वार्ड आते हैं। जिसमें मुख्य रुप से वार्ड नंबर 39, 40, 41, 43, 44 एवं 45 है। जहां काफी संख्या में चेंबर खुला पड़ा हुआ। इसके अलावा शहर के रमना रोड ,बजाजा रोड ,रंग बहादुर रोड सहित कई स्थानों पर नाले का चेंबर खुला हुआ है। मेला क्षेत्र में चेंबर खुला रहने का संदेश देश विदेश में जा रहा है। क्योंकि प्रत्येक दिन तीर्थयात्री काफी संख्या में आते हैं ।

2 वर्षों से खुला पड़ा हुआ है नाले का चेंबर

पितृपक्ष मेला क्षेत्र में प्रत्येक वर्ष नाले का चेंबर को लोहे की जाली बनाकर ढका जाता था। युक्त कार्य पितृपक्ष मेला में किया जाता था। लेकिन कोरोना कि लेकर मेला का आयोजन नहीं हुआ । जिसके कारण चेंबर के जाली की मरम्मति का कार्य नहीं किया। जिसके कारण नाले का चेंबर खुला पड़ा हुआ है।

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