कोरोना में जरूरतमंदों को खून उपलब्ध करा रहे बमेंद्र, बच्‍ची के जन्‍मदिन पर रक्‍तदान कर दंपती बने मिसाल

कोरोना के इस संकट काल में हम लॉकडाउन का पालन कर सकते हैं। बेवजह घरों से बाहर नही निकल सकते मुंह नाक ढक सकते हैं। हाथों को धो सकते हैं परन्तु दुर्घटना प्रसव और थैलिसीमिया बच्चों के लिए रक्त की आवश्यकता को नहीं रोक सकते।

By Prashant KumarEdited By: Publish:Fri, 28 May 2021 03:20 PM (IST) Updated:Fri, 28 May 2021 03:20 PM (IST)
कोरोना में जरूरतमंदों को खून उपलब्ध करा रहे बमेंद्र, बच्‍ची के जन्‍मदिन पर रक्‍तदान कर दंपती बने मिसाल
बेटी के जन्‍मदिन पर रक्‍तदान करते दंपती। जागरण।

जागरण संवाददाता, औरंगाबाद। कोरोना के इस संकट काल में हम लॉकडाउन का पालन कर सकते हैं। बेवजह घरों से बाहर नही निकल सकते, मुंह नाक ढक सकते हैं। हाथों को धो सकते हैं परन्तु दुर्घटना, प्रसव और थैलिसीमिया बच्चों के लिए रक्त की आवश्यकता को नहीं रोक सकते।

एक तरफ जहां परिवार वाले इस कोरोना में अपने परिजन को रक्त देने से कतरा रहे हैं। वही औरंगाबाद के एक समाजसेवी बमेन्द्र कुमार सिंह दिन रात अपनी जान की परवाह किये बिना जरूरतमंदो को रक्त उपलब्ध कराने में लगे हुए हैं। ब्लड बैंक में रक्त की कमी हुई परन्तु लगातार जरूरतमंदों को रक्त उपलब्ध कराने का प्रयास कर रहे हैं बमेन्द्र। कभी ऑन कॉल डोनेशन करा कर तो कभी रक्‍तदान के लिए छोटे-छोटे शिविर लगाकर।

शुक्रवार को टीम पथ प्रदर्शक के नियमित रक्तदाता दंपती देव की शिक्षिका माधवी कुमारी एवं सुनील प्रताप ने अपनी बच्ची के जन्मदिन पर सदर अस्पताल औरंगाबाद स्थित ब्लड बैंक में आकर रक्त के जरूरतमंदों के लिए स्वैच्छिक  रक्तदान किया। रक्तदान के बाद माधवी एवं सुनील ने कहा कि जब घर में कोई उत्सव आयोजन हो और ऐसे में रक्तदान कर किसी को जीवन दिया जाय तो इससे बड़ी खुशी कुछ और नही हो सकती। समाजसेवी  बमेन्द्र कुमार सिंह ने कहा कि सच्चे रक्तसेवक हैं। वे लोग जो कोरोना के इस विकट परिस्थिति में भी रक्तदान के लिए आगे आ रहे हैं, ताकि रक्त की कमी से जूझ रहा ब्लड बैंक से रक्त न मिलने पर किसी की जान न जाय। इस अवसर पर ब्लड बैंक के टेक्नीशियन सुरेन्द्र प्रसाद सिन्हा उपस्थित थे।

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