नशे की लत में बर्बाद हो रहे औरंगाबाद के युवा, भीख मांगने वाले से लेकर स्‍कूल-कॉलेजों के छात्र बन गए शिकार

शहर में एक युवा वर्ग ऐसा भी है जो प्रतिदिन नस में नशे की सूई लेता है। निकोटीन कोकीन कैफीन कैनाबिस हीरोइन जैसे नशीले और खतरनाक पदार्थ की चपेट में आ जाते हैं। कई ऐसे जगह हैं जहां शाम तक नशेड़ी नशा लेने के लिए भीड़ लगाए रहते हैं।

By Prashant KumarEdited By: Publish:Wed, 04 Aug 2021 04:41 PM (IST) Updated:Wed, 04 Aug 2021 04:41 PM (IST)
नशे की लत में बर्बाद हो रहे औरंगाबाद के युवा, भीख मांगने वाले से लेकर स्‍कूल-कॉलेजों के छात्र बन गए शिकार
नशेडि़यों द्वारा इस्‍तेमाल किए गए ड्रग्‍स के रैपर। जागरण।

शुभम कुमार सिंह, औरंगाबाद। भाग-दौड़ भरी जिंदगी में मां-बाप के पास बच्चों के लिए समय नहीं होता। बच्चों को उचित घरेलू शिक्षा नहीं मिल पाती जिस कारण वे रास्ता भटक गलत रास्ते पर चल पड़ते हैं। मादक पदार्थों का सेवन करने लगते हैं। पहले इसका सेवन फैशन या शौक से किया जाता जो अब धीरे-धीरे इसके आदि होते जा रहे हैं। शहर में एक युवा वर्ग ऐसा भी है, जो प्रतिदिन नस में नशे की सूई लेता है। निकोटीन, कोकीन, कैफीन, कैनाबिस, हीरोइन जैसे नशीले और खतरनाक पदार्थ की चपेट में आ जाते हैं। शहर में कई ऐसे जगह हैं जहां सुबह से लेकर शाम तक नशेड़ी नशा लेने के लिए भीड़ लगाए रहते हैं।

चरम पर है नशे का कारोबार

शहर में नशा का कारोबार चरम पर है। देश के भविष्य कहे जाने वाले युवा पीढ़ी नशे की गिरफ्त में हैं। खुद की जिंदगी के साथ परिवार को बर्बाद कर रहे हैं। अहम बात यह है कि इन्हें नशा करने का साजो सामान भी शहर में बड़े आराम से मिलते हैं। दैनिक जागरण ने जब शहर में इसकी पड़ताल की तो पाया कि कई युवा नशे की जद में आ गए हैं। अगर इन्हें नशे की सेवन से दूर रखा जाए तो उनकी जान पर बन आती है।

इन युवाओं में अधिकतर कालेज छात्र शामिल हैं। साथ ही इन दिनों स्कूली छात्र भी नशे की जद में आ रहे हैं। कई युवाओं ने तो नशे की लत में पड़कर अपनी पढ़ाई छोड़ दी है। ऐसे बच्चों की तादाद अधिक है। छात्र शराब और सिगरेट ही नहीं बल्कि गांजा, कोकीन, चरस, हेरोइन, डेंडाराइट, स्मैक, थीनर, बोनफिक्स, फोर्टविन इंजेक्शन सहित अन्य नशीली दवाई का सेवन करते हैं।

नशे के लिए युवा कर रहे चोरी

शहर में युवाओं के रगों में नशा बसते जा रहा है। इन दिनों नशे की जड़ मजबूत हो गई है। नशे की आग में युवाओं की जवानी सुलग रही है। नशे में पीडि़त ये कम उम्र के युवा चोरी, मारपीट, छिनतई एवं लूटपाट जैसे अपराध की घटना को अंजाम दे रहे हैं। चंद रुपये की लालच में ये अपराध करते हैं। आंकड़ों पर गौर करें तो चोरी, लूटपाट सहित अन्य वारदात में युवा वर्ग ज्यादा शामिल है।

60 रुपये में फोर्टविन व 100 में मिल रहा हैकेट

दैनिक जागरण की पड़ताल के दौरान जब नशे से पीडि़त युवक से बातचीत की तो उसने अपनी पहचान जाहिर न करने की शर्त पर बताया कि शहर में कई ऐसे मेडिकल स्टोर हैं जहां फोर्टविन एवं पेंटाजोसिन हैकेट की नशीली सूई आसानी से मिल जाती है। इसके लिए कोडवर्ड का उपयोग करना पड़ता है।

फोर्टविन 60 एवं पेंटाजोसिन हैकेट की सूई 100 रुपये में आसानी से मिल रहा है। बता दें कि ये दोनों नार्कोटिक इंजेक्शन है। मरीजों को ऑपरेशन से पहले व बाद में लगाए जाने वाला दर्द निवारक इंजेक्शन है। अधिक दर्द होने पर मरीजों को यह दिया जाता है। अर्थोपेडिक्स सर्जन एवं जेनरल सर्जन के अलावा एनेस्थेटिक इसका इस्तेमाल करते हैं।

शहर में नशेडिय़ों का अड्डा रमेश चौक : खादी ग्रामोद्योग के उपर :- शहर का हृदय स्थल रमेश चौक के कोने पर खादी ग्रामोद्योग दुकान के उपर नशे के तलबगारों का अड्डा लगता है। यहां बैठकर नशेड़ी शराब पीते हैं और फिर शराब की बोतले फोड़ते हैं। यहां पर शराब की बोतलें काफी मात्रा में जमा रहती है। इतना ही नहीं यहां युवक स्मैक व हिरोइन का नशा करते हैं। अल्यूमनियम की पतली चादर व पाउडर रखकर उसे जलाकर सूंघते हैं और फिर वही जला हुआ कागज पर पॉलीथिन छोड़कर चले जाते हैं। अस्पताल के सामने- एसएफसी कार्यालय के पीछे :- सदर अस्पताल मुख्य गेट के सामने स्थित बिहार राज्य खाद्य निगम के कार्यालय के पीछे नशेडिय़ों का हब है। यहां पहुंचने के लिए आपको बेहद सावधानी बरतने की जरूरत है क्योंकि आपके पैर में नंगी सूई चूभ सकती है। कार्यालय के पीछे खाली जमीन है जिसमें हजारों नंगी सूई, सिरिंज, फोर्टविन एवं पेंटाजोसिन हैकेट का खाली वायल फेंकी हुई है। यहां बैठकर नशेड़ी खुद से अपने रगों में नशीली सूई लेते हैं। जसोइया मोड़ के पास :- जसोइया मोड़ के पास कई ऐसे खाली मकान है जहां नशेडिय़ों की चौपाल लगती है। यहां इक्‍ट्ठा होकर कुछ नशेड़ी गांजा के साथ बोनफिक्स का नशा करते हैं। शहर से बाहर होने के कारण यहां किसी का ध्यान नहीं रहता। सरकारी बस डिपो का जर्जर भवन :- गांधी मैदान स्थित बिहार राज्य पथ परिवहन निगत के ध्वस्त हुए भवन में नशेडिय़ों का जमघट लगता है। शराब पीने वाले से लेकर गांजा एवं बोनफिक्स का आनंद लेने वाले नशेड़ी कभी भी देखे जा सकते हैं। वैसे बस डीपो के पीछे अदरी नदी श्मशान घाट शेड भी नशेडिय़ों का अड्डा है। नावाडीह मोहल्ला में भी नशेडिय़ों का चौपाल लगा रहता है।

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