त्रिपुरा की प्रेम कहानी को पर्दे पर दर्शाएंगे औरंगाबाद के रविकांत, दूरदर्शन पर देखें रोमांच से भरी चामुरुई ओम्‍पा

त्रिपुरा की प्रेम कथा पर आधारित धारावाहिक चामुरुई ओम्पा का प्रसारण दूरदर्शन के राष्ट्रीय चैनल पर 19 जून से रात 1030 में आरंभ हो रहा है। इसके निर्देशक दाउदनगर प्रखंड के रेपुरा निवासी फिल्मकार रंगकर्मी लेखक बड़े भाई रविकांत हैं।

By Prashant KumarEdited By: Publish:Sat, 19 Jun 2021 02:17 PM (IST) Updated:Sat, 19 Jun 2021 02:17 PM (IST)
त्रिपुरा की प्रेम कहानी को पर्दे पर दर्शाएंगे औरंगाबाद के रविकांत, दूरदर्शन पर देखें रोमांच से भरी चामुरुई ओम्‍पा
चामुरुई ओम्पा की शूटिंग के दौरान का दृश्‍य। जागरण।

संवाद सहयोगी, दाउदनगर (औरंगाबाद)। त्रिपुरा की प्रेम कथा पर आधारित धारावाहिक 'चामुरुई ओम्पा' का प्रसारण दूरदर्शन के राष्ट्रीय चैनल पर 19 जून से रात 10:30 में आरंभ हो रहा है। इसके निर्देशक दाउदनगर प्रखंड के रेपुरा निवासी फिल्मकार, रंगकर्मी, लेखक, बड़े भाई रविकांत हैं।

उन्होंने बताया कि इस धारावाहिक की कहानी अत्यंत लोकप्रिय है और दर्शकों को काफी पसंद आएगी। ऐसे भी दूरदर्शन के शो स्वस्थ मनोरंजन करने वाले एवं ज्ञानवर्धक होते हैं। रविकांत ने बताया कि “थर्ड ऑय आर्ट एंड क्राफ्ट” निर्मित धारावाहिक 'चामुरुई ओम्पा...एक प्रेम कथा' त्रिपुरा की सांस्कृतिक विरासत को संजोय उसकी पुरानी परंपरा पर आधारित एक प्रेम कहानी है। इसकी पूरी शूटिंग त्रिपुरा में ही हुई है। जिससे उत्तर पूर्व  की सभ्यता एवं संस्कृति के साथ साथ इसके अनुपम सौन्दर्य से देश के अन्य लोग परिचित हो सकेंगे।

रविकांत ने बताया कि इसकी रचना प्रक्रिया काफी लम्बी थी किन्तु बेहद रोचक और रोमांचकारी बनाया गया है। त्रिपुरा के सांस्कृतिक परिवेश वेशभूषा रहन सहन के साथ ही यहाँ की प्रमुख भाषा कॉकबरक को भी धारावाहिक में उचित सम्मान मिला है। हिंदी धारावाहिक होने के बाद भी दो गीत कॉकबरक में रखे गए हैं। जिससे कॉकबरक भाषा की खूबसूरती से देश के अन्य भाग के लोग भी परिचित हों। त्रिपुरा की प्रसिद्द गायिका साधना रियांग ने कॉकबरक गीत को गाया है। शूटिंग त्रिपुरा विश्वविद्यालय, अगरतला शहर, उदयपुर, आथारोबोला, खुमपोईलोंग, मानिक्का, कामि कोताल, मातार बाड़ी, त्रिपुरेश्वरी मन्दिर, दुम्बूर डैम,  नीर महल, अमरपुर में किया गया है।

रविकांत रेपुरा के निवासी हैं। इनके पिता शिक्षक थे। भाई रामाकान्त शिक्षक हैं। किशोरावस्था से ही इनकी रुचि साहित्य में थी। 1990-2000 के दशक में इनकी एक कहानी तब प्रतिष्ठित दैनिक के साहित्य पेज पर प्रकाशित हुई थी और तब से लगातार फिल्मी दुनिया में सक्रिय हैं, जबकि घर में शिक्षक और अधिकारी हैं अन्य भाई।

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