Matter of Concern:'उड़ता पंजाब' की तर्ज पर औरंगाबाद, स्कूली बच्चे भी आ रहे नशे की गिरफ्त में
औरंगाबाद में नशे की गिरफ्त में युवा से लेकर बच्चे तक आ रहे हैं। शराब से लेकर नशीली सूई तक का इस्तेमाल धड़ल्ले से हो रहा है। एसपी ने कहा है कि इसको रोकने के लिए जल्द ही छापेमारी की जाएगी।
जेएनएन, औरंगाबाद। शहर में नई उम्र के लड़के तेजी से नशे की गिरफ्त (Drug Addiction) में अा रहे हैं। कई जगह इनका हॉटस्पॉट है जहां जमावड़ा लगाकर ये नशीले पदार्थों का सेवन करते हैं। शराब से लेकर गांजा, स्मैक अौर नशे की सूई लेते हैं। लेकिन प्रशासन इस ओर कोई कार्रवाई नहीं कर रहा। इस कारण आम आदमी यह सब देखते हुए भी नजरें घुमा लेता है। क्योंकि कुछ कहने पर ये लड़के हिंसक हो जाते हैं। यह अभिभावकों की चिंता बढ़ा रहा है।
दैनिक जागरण की टीम ने शहर के उन हॉट स्पॉट का मुआयना किया तो वहां शराब की बोतलें, नशीली सुई की खाली शीशियां, प्लास्टिक के रैपर अादि बिखरे पड़े थे।
रमेश चौक : खादी ग्रामोद्योग के उपर- शहर की हृदय स्थली रमेश चौक के कोने पर खादी ग्रामोद्योग दुकान है। इसकी छत पर नशे के तलबगारों का अड्डा लगता है। यहां बैठकर वे शराब पीते हैं। वहां शराब की फूटी बोतलें पड़ी थीं। यहां ये युवक स्मैक व हेरोइन का नशा भी करते हैं। अल्यूमनियम की पतली चादर व पाउडर रखकर उसे जलाकर सूंघते हैं। जला हुआ कागज पर पॉलीथिन वहीं छोड़कर चले जाते हैं।
अस्पताल के सामने- एसएफसी के पीछे- सदर अस्पताल मुख्य गेट के सामने स्थित बिहार राज्य खाद्य निगम के कार्यालय के पीछे नशेड़ियों का जमावड़ा होता है। यहां जाने के लिए काफी सावधानी बरतने की जरूरत है क्योंकि आपके पैर में जहां-तहां फेंकी गई सूई चूभ सकती है। नशे का इंजेक्शन लेने के बाद नशेड़ी सिरिंज और सूई को यहीं फेंक देते हैं। कार्यालय के पीछे खाली जमीन पर हजारों नंगी सूई, सिरिंज, फोर्टविन व पेंटाजोसिन के खाली वायल फेंके हुए हैं। यहां बैठकर नशेड़ी खुद से अपने रगों में नशीली सूई लेते हैं।
जसोइया मोड़ के पास- जसोइया मोड़ के पास कई ऐसे खाली मकान है जहां नशेड़ियों की चौपाल लगती है। यहां इकट्ठे होकर कुछ नशेड़ी गांजा के साथ बोनफिक्स का नशा करते हैं। बोनफिक्स का इस्तेमाल प्लास्टिक का शीशा चिपकाने में होता है। इसे टिश्यू पेपर पर उड़ेलकर सूंघने से नशा होती है। शहर से बाहर होने के कारण यहां किसी का ध्यान नहीं रहता।
सरकारी बस डिपो का जर्जर भवन- गांधी मैदान स्थित बिहार राज्य पथ परिवहन निगत के ध्वस्त भवन में नशेड़ियों का जमघट लगता है। शराब पीने वाले से लेकर गांजा व बोनफिक्स का आनंद लेने वाले नशेड़ी कभी भी देखे जा सकते हैं। वैसे बस डीपो के पीछे अदरी नदी श्मशान घाट शेड भी नशेड़ियों का अड्डा है। नावाडीह मोहल्ला में भी नशेड़ियों का चौपाल लगा रहता है।
बड़ी संख्या में स्कूली बच्चे हो रहे शिकार
नशे का लत इस कदर बढ़ती जा रही है कि युवा ही नहीं बल्कि अब खेलने-कूदने व कम उम्र के पढ़ने वाले बच्चे भी नशे की गिरफ्त में आ रहे हैं। दवा की दुकान से लेकर बाजार में आसानी से उन्हें नशे के साधन उपलब्ध भी हो जा रहे हैं। धुएं के छल्ले उड़ाने में आज युवा अपनी शान समझ रहे हैं। नशे के भी अपने अलग-अलग प्रकार में युवाओं में प्रचलित है। किसी को शराब का नशा भाता है तो किसी को सिगरेट के धुएं में खो जाता अच्छा लगता है। इसमें भीख मांगने वाले बच्चे भी शामिल हैं। फुटपाथ पर रहने वाले गरीब के बच्चे दिन भर सड़क पर भीख मांगते हैं। उस पैसे से बोनफिक्स खरीदकर नशा के रुप में सेवन करते हैं।
युवाओं को बचाना हम सभी की जिम्मेदारी
सदर अस्पताल के चिकित्सक डाॅ. कुमार महेंद्र प्रताप ने बताया कि हम सभी की यह जिम्मेदारी है कि युवा पीढ़ी को नशे से दूर रखें। इसमें सरकार और समाज दोनों का योगदान जरुरी है। सरकार को नशीली पदार्थों की तस्करी करने वालों पर कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। विद्यालयों एवं कॉलेजों में समय-समय पर इससे होने वाले नुकसान और खतरों को बताने के लिए कार्यक्रम होना चाहिए। सबसे बड़ी जिम्मेदारी मां-बाप की बनती है कि वे अपने बच्चों को पर्याप्त समय दें।
नशे के धंधे पर शिकंजा कसने के लिए विशेष टीम होगी गठित
एसपी सुधीर कुमार पोरिका ने बताया कि बड़ी दुख की बात है कि युवा नश की लत में समाते जा रहे हैं। इसको रोकना जरुरी है। इसके लिए जल्द ही मैं विशेष टीम बनाउंगा। हर जगह पर छापेमारी की जाएगी। कहां से युवाओं को यह सूई मिलता है, कौन सी मेडिकल दुकान यह उपलब्ध कराती है इसके बारे में जांच की जाएगी। एक भी कारोबारी नहीं बचेंगे। हर ठिकानों पर छापेमारी करते हुए जल्द कार्रवाई की जाएगी। एसपी ने युवाओं से नशे की लत से दूर रहने की अपील की है।