Aurangabad News: मानसून की पहली बारिश ने खोली सड़क निर्माण की पोल, शेखबिगहा गांव की सड़क टूटी
मानसून की पहली बारिश ने ही ग्रामीण इलाकों में सड़क निर्माण की खराब क्वालिटी की पोल खोलकर रख दी है। नई सड़कें भी दो से चार महीने में टूटने लग रही हैं। कुटुंबा प्रखंड के शेखबिगहा गांव की सड़क महज चार महीने में हीं टूटने लगी है।
अंबा (औरंगाबाद), संवाद सूत्र। मानसून की पहली बारिश ने ही ग्रामीण इलाकों में सड़क निर्माण की खराब क्वालिटी की पोल खोलकर रख दी है। नई सड़कें भी दो से चार महीने में टूटने लग रही हैं। मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना व प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना जीटीएनएसवाई विशेष केंद्रीय सहायता योजना समेत कई योजनाओं से ग्रामीण सड़क एवं पुल पुलिया का कार्य कराया जा रहा है। परंतु आश्चर्य इस बात को लेकर है कि निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर सरकार व उसके तंत्र का ध्यान नहीं है। पक्की सड़क बनने के 2 से 4 महीने बाद ही टूटने लगती है। एक ऐसी हीं सड़क का मामला कुटुंबा प्रखंड के शेखबिगहा गांव में बताया जाता है। उक्त गांव की सड़क 4 महीने में हीं टूटने लगी है। मानसून की पहली वर्षा में हीं सड़क अनेक स्थानों पर टूट चुकी है। सड़क की स्थिति देख ग्रामीण कार्य की गुणवत्ता पर सवाल उठा रहे हैं।
सड़क फिर बनाने का आश्वासन
उक्त गांव के रहने वाले मोदासीर खान, जैकी खान, शादाब खान, अफसार खान, अशरफ रजा, अहमद रजा, अलतमेस खान सहित ने बताया है कि वर्षों का प्रयास के बाद गांव में सड़क निर्माण कार्य शुरू हुआ। विभाग के कनीय अभियंता दीनानाथ राय ने बताया कि आसपास के किसान सड़क किनारे मिट्टी फिलिंग करने से रोकते हैं जिस कारण पूरे दौर पर भरावट नहीं हुआ। बरसात के दिनों में समस्या होती है। सड़क के क्षतिग्रस्त भाग को बनाया जाएगा। इसके लिए संवेदक को आवश्यक निर्देश दिया गया है। बताया कि 26 जुलाई के बाद 5 वर्ष तक सड़क की देखरेख संवेदक को होगी। निर्माण के दौरान किसी तरह की क्षति होने पर संवेदक द्वारा मरम्मत कराया जाएगा। बताया कि सही तरीके से कार्य नहीं किए जाने पर राशि की कटौती की जाएगी। सरकार ने सड़क असमय टूटने पर हीं ऐसा प्रावधान बनाया है।