Aurangabad News: यूरिया खाद के लिए बिहार से झारखंड जा रहे किसान, सासाराम में लग रही रेक

यूरिया खाद की किल्लत बरकरार है। यूरिया के लिए अंबा टंडवा ढीबरा थाना क्षेत्र के किसान झारखंड के हरिहरगंज एवं जपला थाना क्षेत्र का दौड़ लगा रहे हैं। एक बोरी खाद के लिए किसान एक प्रखंड से दूसरे प्रखंड का दौड़ लगा रहे हैं।

By Prashant KumarEdited By: Publish:Mon, 20 Sep 2021 04:50 PM (IST) Updated:Mon, 20 Sep 2021 04:50 PM (IST)
Aurangabad News: यूरिया खाद के लिए बिहार से झारखंड जा रहे किसान, सासाराम में लग रही रेक
यूरिया की किल्‍लत से औरंगाबाद के किसान परेशान। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर।

जागरण संवाददाता, औरंगाबाद। जिले में यूरिया खाद की किल्लत बरकरार है। यूरिया के लिए अंबा, टंडवा, ढीबरा थाना क्षेत्र के किसान झारखंड के हरिहरगंज एवं जपला थाना क्षेत्र का दौड़ लगा रहे हैं। एक बोरी खाद के लिए किसान एक प्रखंड से दूसरे प्रखंड का दौड़ लगा रहे हैं, चिलचिलाती धूप में पसीना बहा रहे हैं पर नहीं मिल रहा है। जिले के सभी प्रखंडों में यूरिया के लिए मारामारी हो रही है। जिस दुकान पर खाद मिलने की सूचना किसानों को मिलती है दौड़े पहुंच जाते हैं। जिला कृषि पदाधिकारी किसानों को सहजता से यूरिया उपलब्ध कराने में  बेवस हैं। खाद की किल्लत के कई कारण बताए जा रहे हैं। पहला कारण जिले को लक्ष्य के अनुरुप खाद नहीं मिलना है। जिले को अबतक 28067.360 एमटी यूरिया मिली है। आवंटन का लक्ष्य 38684 एमटी है। लक्ष्य से कम यूरिया मिलने के कारण जिले में किसानों को खाद नहीं मिल रहा है। दूसरा कारण यूरिया खाद का रेक जिले के अनुग्रह नारायण रोड में न लगकर सासाराम में लगना बताया जा रहा है।

अनुग्रह नारायण रोड में यूरिया का रेक लगाने के लिए सांसद सुशील कुमार सिंह, डीएम सौरभ जोरवाल से लेकर कृषि विभाग के निदेशक तक पत्र लिखे हैं। पत्र लिखने के बावजूद यूरिया खाद का रेक एएन रोड के बजाय सासाराम में ही लग रहा है और वहां से जिला को यूरिया मिलने में परेशानी हो रही है। किसानों के अनुसार सासाराम, बक्कर एवं आरा जिला में यूरिया के लिए किसानों को औरंगाबाद के किसानों जैसा परेशानी नहीं है। खुदरा विक्रेताओं ने बताया कि खाद कि किल्लत का कारण बिक्री का दर का निर्धारण भी है। यूरिया के साथ सल्फर, जिंक, ब्रान जैसे उर्वरक नहीं बेचने का आदेश जारी किया गया है। विभाग की इस गलत नियम के कारण भी यूरिया की किल्लत है।

जिला कृषि पदाधिकारी रणबीर सिंह ने बताया कि खाद के लिए जितना बन रहा है मेहनत कर रहे हैं। लक्ष्य के अनुरुप यूरिया नहीं मिलने के कारण किल्लत है। मांग ज्यादा है और आपूर्ति कम हो रही है। बताया कि रिक्सा व ठेला चलाने वाले जिन्हें जरूरत नहीं है वे खाद नहीं लें इसके लिए किसानों को यूरिया लेने के लिए लगान रसीद दुकानदारों को दिखाना जरूरी है।

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