Aurangabad News: सरकार के आदेश के बावजूद 15 महीने बाद भी अस्पताल नहीं पहुंचे 21 डॉक्टर
सरकार का आदेश चिकित्सक नहीं मानते हैं। अगस्त 2020 में 21 चिकित्सकों का पदस्थापन औरंगाबाद जिले में किया गया था। स्वास्थ्य विभाग ने इससे संबंधित आदेश जारी किया था। 15 माह बीत गए परंतु चिकित्सकों ने योगदान नहीं दिया।
जागरण संवाददाता, औरंगाबाद। सरकार का आदेश चिकित्सक नहीं मानते हैं। अगस्त 2020 में 21 चिकित्सकों का पदस्थापन औरंगाबाद जिले में किया गया था। स्वास्थ्य विभाग ने इससे संबंधित आदेश जारी किया था। 15 माह बीत गए परंतु चिकित्सकों ने योगदान नहीं दिया। सिविल सर्जन डा. कुमार वीरेंद्र प्रसाद ने बताया कि चिकित्सकों को योगदान देने के लिए कई बार पत्र लिखा गया, फोन से संपर्क किया गया परंतु किसी ने योगदान नहीं दिया। सदर अस्पताल में 11 चिकित्सकों का पदस्थापन किया गया था। कई विशेषज्ञ चिकित्सक पदस्थापित किए गए थे परंतु किसी ने योगदान नहीं दिया।
चिकित्सकों के योगदान न देने की सूचना कई बार सरकार को दी गई फिर भी उसका असर नहीं हुआ। सिविल सर्जन ने बताया कि सदर अस्पताल में ईएनटी के चिकित्सक नहीं है। सरकार ने डा. बादल कुमार को पदस्थापित किया था। योगदान न देने के कारण यह पद अब तक खाली है। महिला विशेषज्ञ चिकित्सक के पद पर पदस्थापित डा. तेजस्वी नंदन, सर्जन डा. अभिरंजन प्रसाद एवं डा. मो. तारिक अनवर ने भी योगदान नहीं दिया। फिजिशियन डा. पवन कुमार सिंह एवं डा. ज्योति कुमार दिनकर के योगदान न देने से आउटडोर के मरीजों को परेशानी हो रही है।
सामान्य चिकित्सक डा. कृष्णचंद्र प्रसाद योगदान देने के बाद फरार हो गए हैं। डा. कृष्ण कुमार, डा. रंजन कुमार, डा. रेणु कुमारी, डा. विवेकानंद कुमार ने सदर अस्पताल में योगदान नहीं दिया। दाउदनगर अनुमंडलीय अस्पताल में महिला विशेषज्ञ डा. सविता, शिशु रोग विशेषज्ञ डा. अब्बु इरफान, हड्डी रोग विशेषज्ञ डा. अमृत कुमार एवं सामान्य चिकित्सक डा. अमित कुमार गुप्ता ने अब तक योगदान नहीं दिया।
पीएचसी भी नहीं पहुंचे चिकित्सक
स्वास्थ्य विभाग ने छह चिकित्सकों को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थापित किया था। सरकार की योजना थी कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में स्वास्थ व्यवस्था सुदृढ़ की जाए परंतु ऐसा नहीं हो सका। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र नवीनगर में पदस्थापित डा. सीखा भरद्वाज, डा. तेजसी भूषण, दाउदनगर में पदस्थापित डा. आनंद कुमार, कुटुंबा में पदस्थापित डा. इक्तेदार अहमद, हसपुरा में डा. राहुल राज एवं डा. उलसीता उर्वशी ने अब तक योगदान नहीं दिया है। सिविल सर्जन ने बताया कि चिकित्सकों से संपर्क किया गया परंतु वे योगदान देने को तैयार नहीं है। सरकार से इस संबंध में मार्गदर्शन मांगा गया है।