औरंगाबाद: मगध विवि में पांच साल में भी नहीं मिल रहा ग्रैजुएशन व पीजी का रिजल्‍ट, तीन हजार विद्यार्थी परेशान

जिले में मगध यूनिवर्सिटी से अंगीभूत महाविद्यालयों के करीब तीन हजार छात्रों के स्नातक एवं स्नातकोत्तर कोर्स का परिणाम पांच साल से लंबित पड़ा हुआ है। परिणाम के लिए छात्र विश्वविद्यालय का चक्कर लगा रहे हैं। छात्र बीपीएससी परीक्षा सहित अन्‍य प्रतियोगी परीक्षाओं से वंचित हो रहे हैं।

By Sumita JaiswalEdited By: Publish:Mon, 28 Jun 2021 11:32 AM (IST) Updated:Mon, 28 Jun 2021 07:48 PM (IST)
औरंगाबाद: मगध विवि में पांच साल में भी नहीं मिल रहा ग्रैजुएशन व पीजी का रिजल्‍ट, तीन हजार विद्यार्थी परेशान
67वीं बीपीएससी का नोटिफिकेशन जारी होने वाला है परंतु छात्रों को परिणाम नहीं मिला, सांकेतिक तस्‍वीर ।

औरंगाबाद, जागरण संवाददाता। शिक्षा व्यवस्था को पटरी पर लाने की तमाम कवायदें फेल हो जा रही हैं। घोषणाएं तो बहुत होती हैं, लेकिन धरातल पर उतर नहीं पाती हैं। मगध विश्वविद्यालय की बात करें तो यहां स्नातक का तीन वर्षीय कोर्स पांच वर्षों में पूरा नहीं हो पा रहा है। ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि छात्रों की क्या स्थिति होती होगी। जिले के अंगीभूत महाविद्यालयों के छात्रों का भविष्य अधर में है। करीब तीन हजार छात्रों के स्नातक एवं स्नातकोत्तर कोर्स का परिणाम लंबित विश्वविद्यालय में पड़ा हुआ है। परिणाम के लिए छात्र विश्वविद्यालय का चक्कर लगा रहे हैं परंतु उनका कोई सुनने वाला नहीं है। यहां तक कि महाविद्यालय के प्राचार्य भी इनकी समस्या समाधान करने में रुचि नहीं ले रहे हैं।

 जिला मुख्यालय में मगध विश्वविद्यालय से अंगीभूत तीन कालेज हैं। इनमें सच्चिदानंद सिन्हा कालेज, रामलखन सिंह यादव कालेज एवं किशोरी सिन्हा महिला कालेज है। इनमें पढ़ने वाले सभी छात्रों का भविष्य अंधकारमय होता जा रहा है। लेकिन इस पर किसी का ध्यान नहीं है। बता दें कि एक तो इन कॉलेजों में शिक्षकों की घोर कमी है ऊपर से सत्र की ये लेटलतीफी कोढ़ में खाज की तरह है।

परिणाम के इंतजार में बैठे हैं छात्र

उत्तर प्रदेश दारोगा समेत स्नातक स्तर का कई नौकरी वाला फाॅर्म भरा जा रहा है। लेकिन इन कॉलेजों के छात्र-छात्राएं स्नातक तृतीय वर्ष के परिणाम का इंतजार कर रहे हैं। बता दें कि व्यवसायिक कोर्स 2017-20 के परिणाम का भी यही स्थिति है। अधिकतर छात्रों का परिणाम पेंडिंग बता रहा है। सच्चिदानंद सिन्हा कॉलेज में संचालित एक बासपम कोर्स के छात्रों का परिणाम नहीं आ सका है। कारण कि सत्र 2017-20 के प्रथम वर्ष का परिणाम जारी नहीं किया गया। बगैर परिणाम जारी किए दूसरे एवं तीसरे वर्ष की परीक्षा ले ली गई। इस वजह से रिजल्ट पेंडिंग हो गया है। अब छात्र कालेज से लेकर यूनिवर्सिटी तक का चक्कर लगा रहे हैं।

छात्रों के साथ की जा रही नाइंसाफी

सच्चिदानंद सिन्हा कालेज की छात्रसंघ अध्यक्ष आशिका सिंह ने बताया कि विवि छात्रों के साथ नाइंसाफी कर रही है। पांच वर्ष में भी स्नातक की डिग्री नहीं मिलना काफी चिंताजनक है। सभी विषय का परिणाम पेंडिंग कर रखा गया है परंतु इसे सुधार नहीं किया जा रहा है। बताया कि इसको लेकर हमलोगों ने कई बार आवेदन दिया। लेकिन आश्वासन के सिवा कुछ नहीं मिला।

उच्च अधिकारियों से मिलेगा छात्र जदयू : आनंद

छात्र जदयू के जिलाध्यक्ष आनंद वैभव ने बताया कि सत्र देरी से संचालित होने के कारण छात्र-छात्राओं का भविष्य बर्बाद हो रहा है। लेकिन विवि प्रशासन कुछ नहीं कर रहा। कुलपति एवं परीक्षा नियंत्रक से मिलकर इसका समाधान करने की मांग की गई थी परंतु सुधार नहीं हुआ।

कोरोना के कारण सत्र संचालन में हुई देरी : डा. गणेश

रामलखन सिंह यादव कालेज के प्राचार्य डा. गणेश महतो ने बताया कि कोरोना वायरस के कारण सत्र में देरी हुई है। पहले से सत्र देरी से चल रहा था परंतु कोरोना के कारण सत्र संचालन में ज्यादा देर हो गई। अब कॉलेज एवं विवि खुला है। सत्र को तेज करने की कोशिश की जाएगी।

विश्वविद्यालय का कार्य है सत्र को ठीक करना : डा. रेखा

किशोरी सिन्हा महिला महाविद्यालय की प्राचार्य डा. रेखा कुमारी ने बताया कि परीक्षा लेने से लेकर सत्र का संचालन करना विश्वविद्यालय का कार्य है। महाविद्यालय की ओर से इसमें कोई कार्य नहीं होता है। सत्र को सुधारना काफी जरूरी है। सत्र देरी से संचालित होने के कारण बच्चे परेशान हैं।

ऐसा करने पर नियमित हो जाता सत्र : डा. वेदप्रकाश

सच्चिदानंद सिन्हा महाविद्यालय के प्राचार्य डा. वेदप्रकाश चतुर्वेदी ने बताया कि विश्वविद्यालय एवं राजभवन की ओर से सत्र को सुधारने का प्रयास किया जा रहा था। तभी कोरोना वायरस का प्रकोप आ गया। विश्वविद्यालय को चाहिए था कि इंटरनल परीक्षा में सभी को प्रोमोट कर दिया जाए एवं केवल फाइनल परीक्षा ली जाए। इससे सत्र सुधर जाता।

बीपीएससी के लिए छात्रों की चिंता

परिणाम नहीं मिलने के कारण छात्र उच्च शिक्षा ग्रहण नहीं कर पा रहे हैं। नौकरी के लिए स्नातक स्तर का कोई भी फार्म नहीं भर पा रहे हैं। छात्र अभी सबसे ज्यादा चिंतिंत 67वीं बीपीएससी के लिए हैं। 67वीं बीपीएससी का नोटिफिकेशन जारी होने वाला है परंतु इन्हें परिणाम नहीं मिल पाया है। छात्र जनप्रतिनिधियों से भी गुहार लगा रहे हैं परंतु नतीजा सिफर ही है।

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