गणतंत्र दिवस को अपनी 48वीं वर्षगांठ मनाएगा औरंगाबाद जिला, इसी दिन हुआ था गया से अलग

26 जनवरी 1973 को औरंगाबाद और नवादा जिले अस्तित्‍व में आए थे। गया से अलग कर इस जिले का गठन किया गया था। इस वर्ष 48वीं वर्षगांठ का आयोजन किया जा रहा है। इसकी तैयारी जोर-शोर से चल रही है।

By Vyas ChandraEdited By: Publish:Sun, 17 Jan 2021 10:19 AM (IST) Updated:Sun, 17 Jan 2021 10:19 AM (IST)
गणतंत्र दिवस को अपनी 48वीं वर्षगांठ मनाएगा औरंगाबाद जिला, इसी दिन हुआ था गया से अलग
औरंगाबाद जिले की पहचान है बाबू कुंवर सिंह की प्रतिमा। जागरण

शुभम कुमार सिंह, औरंगाबाद। बिहार के मानचित्र में 47 वर्ष पूर्व एक बड़ा परिवर्तन हुआ था। तब 26 जनवरी 1973 को गया जिले को तीन जिलों में बांट दिया गया था। तब औरंगाबाद और नवादा जिला के रूप में अस्तित्‍व में आया था। इस वर्ष दोनों जिले अपनी 48वीं वर्षगांठ मनाएंगे। जिला बनने से पहले औरंगाबाद 108 वर्षों तक गया जिले का अनुमंडल रहा था।

आंदोलन के बाद औरंगाबाद को मिला जिले का दर्जा

दरअसल 1865  में गया को जिला बनाया गया था। इसमें औरंगाबाद व नवादा के साथ-साथ शेरघाटी को भी अनुमंडल के रुप में गया जिले में शामिल किया गया था। हालात और राजनीतिक परिदृश्य में यह मांग उठने लगी कि औरंगाबाद को एक जिला का दर्जा मिले। तब कैबिनेट कमेटी बनाई गई। कमेटी ने गया और नवादा के रूप में गया को दो भागों में बांटने का प्रस्ताव दिया। इस प्रस्ताव में औरंगाबाद को शामिल न होते देख आंदोलन खड़ा हो गया। तब गया को तीन खंडों में विभाजित कर दिया गया।  और वर्ष 1973 में गया जिले के नक्शे से अलग करते हुए अनुमंडल रहे औरंगाबाद और नवादा को अलग जिला बनाया गया। 

19 जनवरी 1973 को जारी हुई थी अधिसूचना 

औरंगाबाद को जिला बनाने से संबंधित औपचारिक अधिसूचना 19 जनवरी 1973 को ही जारी कर दी गई थी। इस अधिसूचना के अनुसार 19 जनवरी को ही जिले को विभाजित करते हुए औरंगाबाद को एक अलग जिला घोषित कर दिया गया था। बिहार सरकार द्वारा प्रकाशित बिहार गजट के माध्यम से बिहार के तत्कालीन राज्यपाल देवकांत वरुआह के द्वारा विनियम नियम, आदेश एवं अधिसूचना जारी कर दी गई थी। तत्कालीन राज्यपाल ने अपनी सेवा खत्म होने के चंद दिनों पहले औरंगाबाद को जिला घोषित कर दिया था। इस लिहाज से गया जिला का अनुमंडल रहे औरंगाबाद को लोगों के लिए 26 जनवरी की तारीख एक अलग मायने रखती है। ये गणतंत्र दिवस होने के कारण पूरे देशवासियों के लिए यह महत्वपूर्ण है पर इस तिथि को औरंगाबाद जिले का स्थापना दिवस होने के कारण यहां के लोगों के लिए अलग महत्व रखती है। जाने-अनजाने सभी की जिंदगी से जुड़ा हुआ है। 

दो नगर परिषद व चार नगर पंचायत

औरंगाबाद को जिला बनने के बाद अब तक दो नगर परिषद एवं चार नगर पंचायत का निर्माण हुआ। सर्वप्रथम 1973 में औरंगाबाद नगर पालिका बना। इसके बाद सरकार द्वारा इसमें बदलाव करते हुए 2002 में इसे नगर परिषद बनाया गया। दाउदनगर 1885 में नगर पालिका बना। वर्ष 2002 में नगर पंचायत बना। इसको बदलाव करते हुए 9 जून 2018 को नगर परिषद बोर्ड का गठन हुआ। वर्ष 1985 में नवीनगर एवं 1969 में रफीगंज नगर पंचायत बना। 

पहला डीएम बने थे केएच सुब्रह्मण्‍यम

वर्ष 1973 में जिला बनने के बाद पहला जिला पदाधिकारी केएएच सुब्रह्मण्‍यम बने थे।  प्रताप सिंह कैरे जिले के पहले एसपी के रुप में बने थे। दोनों अधिकारियों ने जिले के विकास के कई नीव रखी थी। अभी जिला की फिलहाल आबादी करीब 30 लाख के करीब है।

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