प्रयास: झुंड से बिछड़े हाथी को सुरक्षित झारखंड के जंगल तक पहुंचाने में लगे रहे वन विभाग के कर्मी

हाथी द्वारा नवादा की घटना टनकुप्पा एवं वजीरगंज क्षेत्र में नहीं घटे। उक्त आशंका से सहमे वन विभाग गुरपा की टीम हाथी को जंगल तक पहुंचाने में शुक्रवार को 24 घंटे प्रखंड के पहाड़ एवं जंगल क्षेत्र में मशक्कत करनी पड़ी।

By Prashant KumarEdited By: Publish:Sat, 27 Feb 2021 11:15 AM (IST) Updated:Sat, 27 Feb 2021 11:15 AM (IST)
प्रयास: झुंड से बिछड़े हाथी को सुरक्षित झारखंड के जंगल तक पहुंचाने में लगे रहे वन विभाग के कर्मी
हाथी को झारखंड के जंगल में भेजने का प्रयास जारी। जागरण आर्काइव।

संवाद सूत्र, टनकुप्पा (गया)। हाथी द्वारा नवादा की घटना टनकुप्पा एवं वजीरगंज क्षेत्र में नहीं घटे। उक्त आशंका से सहमे वन विभाग गुरपा की टीम हाथी को जंगल तक पहुंचाने में शुक्रवार को 24 घंटे प्रखंड के पहाड़ एवं जंगल क्षेत्र में मशक्कत करनी पड़ी।

शनिवार की सुबह चार बजे जान माल की सुरक्षा करते हुए हाथी को मोहनपुर तक छोड़ दिया गया। गुरपा रेंजर मनोज कुमार एवं वनकर्मी हिमांशु कुमार ने बताया कि नवादा क्षेत्र से हाथी गुरुवार की रात में वजीरगंज क्षेत्र हेमजा गांव पहुंचने की जानकारी पाकर टीम पंहुचा। शुक्रवार को पूरा दिन हाथी को रेस्क्यू करने के पीछे विभाग का टीम लगा रहा। शुक्रवार को पांच बजे शाम में हाथी वजीरगंज क्षेत्र से निकलकर टनकुप्पा के क्षेत्र नावगढ़, महेर के पहाड़ एवं जंगल मे घुसा। टीम द्वारा हाथी को आगे निकालने का प्रयास जारी रखा।

अंधेरा होने तक हाथी को बारा गांव होते मोहनपुर सीमा की ओर ले जाया गया। शुक्रवार को सारा दिन एवं रात लोगो को हाथी से सचेत रहने के लिए अलर्ट किया गया। हाथी भी लोगो को बिना नुकसान पहुंचाए शांत भाव से आगे बढ़ता गया। हाथी को सुरक्षित झारखंड के जंगल तक ले जाकर छोड़ने का लक्ष्य है। वनकर्मी ने बताया कि हाथी 18 वर्ष का है। वह जंगल मे अपने साथी से बिछड़ कर गुरपा के रास्ते नवादा क्षेत्र में घुस गया था। नवादा क्षेत्र में लोगो द्वारा हाथी को देखकर शोर मचाने एवं छेडने के कारण हाथी द्वारा उत्पात मचाया गया है। हाथी बिल्कुल शांत स्वभाव का है। टनकुप्पा एवं वजीरगंज क्षेत्र में हाथी द्वारा किसी प्रकार का कोई नुकशान नहीं पहुंचाया गया है। संभवतः आज हाथी को सुरक्षित झारखंड के जंगल तक पहुंचा दिया जाएगा।

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