Good News: शेरघाटी के डेढ़ सौ वर्ष पुराने दुल्हिन मंदिर का रखरखाव करेगा पुरातत्‍व विभाग, दिन बहुरने के आसार

शेरघाटी स्थित प्राचीन दुल्हिन मंदिर के रखरखाव का जिम्‍मा अब पुरातत्‍व विभाग के हाथ में सौंपी जा रही है। मंदिर के जीर्ण-शीर्ण अवस्‍था में पहुंचने के कारण क्षेत्र के लाेगों में मायूसी थी। अब इससे लोगों में खुशी है।

By Vyas ChandraEdited By: Publish:Tue, 24 Nov 2020 11:48 AM (IST) Updated:Tue, 24 Nov 2020 11:48 AM (IST)
Good News: शेरघाटी के डेढ़ सौ वर्ष पुराने दुल्हिन मंदिर का रखरखाव करेगा पुरातत्‍व विभाग, दिन बहुरने के आसार
गया के शेरघाटी स्थित दुल्हिन मंदिर। जागरण आर्काइव

जेएनएन,गया। शेरघाटी के ऐतिहासिक दुल्हन मंदिर की सुरक्षा की जिम्मेदारी अब पुरातत्व विभाग के हाथ में होगी। हटिया मुहल्ला स्थित दुल्हन मंदिर जीर्ण शीर्ण हो गया है। लेकिन अब इसके दिन भी बहुरने के आसार हैं। इस खबर से लोगों में खुशी है

जमींदार की पत्‍नी ने करवाया था मंदिर का निर्माण-

मंदिर समिति के पूर्व सचिव रहे अजीत कुमार सिंह ने बताया कि जमींदारी काल में लगभग डेढ़ सौ वर्ष पूर्व इस भव्य मंदिर का निर्माण तत्कालीन जमींदार रंगलाल कुंवर की पत्‍नी गणेश कुंवर ने करवाया था। मंदिर की लगभग 10 एकड़ जमीन है। शहर में इतनी अधिक संपत्ति होने के बावजूद मंदिर का रखरखाव सही से नहीं हो रहा है। मंदिर के नाम पर मुहल्ला का नामकरण दुल्हन मंदिर हो गया है। मंदिर की भव्यता का अंदाजा इसके मुख्य दरवाजे से ही लगाया जा सकता है। स्थानीय शिक्षक, कलाकार व लेखक विजय कुमार दत्त कहते हैं कि यह मंदिर वास्तुकला का बेजोड़ नमूना है। अनुमंडल में राम जानकी का ऐसा भव्य मंदिर नहीं है।  रखरखाव के अभाव के कारण मंदिर खंडहर में तब्दील हो गया है। मुहल्ला वासियों ने बताया कि प्राचीन मंदिर के लिए एक अच्छी खबर आई है। अब इस मंदिर की देखभाल पुरातत्व विभाग करेगा। 

लोगों ने बताया कि बिहार सरकार के पुरातत्व विभाग के सचिव दीपक आनंद ने हाल ही में एक पत्र जारी कर मंदिर को पुरातत्व विभाग के अधीन लेने की बात कही है। इससे मंदिर के निखरने की उम्‍मीद जगी है। बिहार सरकार के पुरातत्व विभाग के पत्र के अनुसार राज्य के वैसे सभी धरोहर के रूप में स्थापित मंदिर, स्मारक या अवशेष की सुरक्षा एवं संरक्षण की जिम्मेदारी पुरातत्व विभाग संभालेगा। पुरातत्व निदेशालय ने इस बाबत पत्र के माध्यम से सभी संबंधित विभाग को जानकारी भेज दी है।  जानकारों और स्थानीय लोगों ने कहा कि दुल्हन मंदिर की सुरक्षा एवं संरक्षण का दायित्व पुरातत्व विभाग को मिलना सरकार का एक बेहतर कदम है। हम क्षेत्रवासी अब अपने धरोहर के संरक्षण की चिंता से मुक्त होंगे। आशा है कि दुल्हन मंदिर का ऐतिहासिक गौरव पुनः प्राप्त होगा।

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