अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल अस्पताल में नए वायरस की जांच की सुविधा नहीं, भुवनेश्वर रिसर्च लैब भेजना पड़ता है सैंपल
गया के अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल अस्पताल में जीनोम सिक्वेंसिंग टेस्ट की सुविधा नहीं है। ओमिक्रोन वायरस का पता लगाने के लिए भुवनेश्वर रिसर्च लैब में सैंपल भेजा जाता है। इन दिनों हर रोज औसतन ढाई हजार से तीन हजार सैंपल की आरटीपीसीआर सैंपल भेजी जा रही।
जासं, गया: कोरोना महामारी के दौर में जानलेवा वायरस से पूरी दुनिया खौफजदा है। इसका वायरस समय-समय पर अपना स्वरूप बदल लेता है। इस बार जो नया वेरिएंट सबकी चिंता बढ़ाए हुए है उसका नाम ओमिक्रोन है। मगध मेडिकल कालेज अस्पताल के भीआरडीएल लैब के चिकित्सक डा. सुनील कुमार बीते दो साल से लगातार कोविड-19 की सैंपल जांच में जुटे हैं। वह बताते हैं कि इस बार का जो वायरस ओमिक्रोन है वह तेजी से लोगों को अपनी चपेट में लेता है। इसके फैलने की क्षमता अधिक है। इस बारे में दुनिया भर के वैज्ञानिक अध्ययनशील हैं।
भुवनेश्वर में जीनोम सिक्वेंसिंग तकनीक से वायरस की जांच
मेडिकल अस्पताल में ओमिक्रोन वायरस की जांच की सुविधा नहीं है। ओमिक्रोन जो नया वेरिएंट आया है वह सामान्य लैब से पता नहीं लगाया जा सकता है। गया से सैंपल को ओड़ीसा स्थित भुवनेश्वर रिसर्च लैब में भेजा जाता है। जहां जीनोम सिक्वेंसिंग तकनीक से इसकी जांच होती है। आरएनए वायरस के जीन का पता लगाया जाता है। गया से अभी तक एकमात्र मंगोलियाई सुरक्षा कर्मी जो पिछले दिनों कोविड संक्रमित आरटीपीसीआर रिपोर्ट में पाया गया था उसका सैंपल भुवनेश्वर भेजा गया है। डब्ल्यूएचओ के सहयोग से इसके सैंपल की जांच के लिए वहां भेजा जाता है। इधर, आईजीआईएमएस पटना में जीनोम सिक्वेंसिंग की जांच प्रक्रिया शुरू होने वाली है। तब गया से सैंपल यहीं भेजा जाएगा।
मेडिकल के भीआरडीएल लैब में हर दिन करीब ढाई हजार आरटीपीसीआर जांच
मगध मेडिकल अस्पताल के भीआरडीएल लैब में इन दिनों हर रोज औसतन ढाई हजार से तीन हजार सैंपल की आरटीपीसीआर जांच हो रही है। राहत की बात यह है कि कोरोना का केस सामने नहीं आ रहा है। जिले में जून माह से कोरोना संक्रमण की रफ्तार पूरी तरह से थमी हुई है। बाजवूद एहतियात के तौर पर सभी रैपिड एंटीजन किट से जांच के बाद उनमें से ज्यादातर की आरटीपीसीआर जांच होती है। मेडिकल अस्पताल के लैब में इस जांच के काम में डा. सुनील कुमार, डा.मनोज कुमार, डा.अनिल कुमार, डा. रवि कुमार निरंतर सहयोग दे रहे हैं। कोरोना काल में जब संक्रमण चरम पर था उस समय में भी ये सभी डॉक्टर अपनी सेवा दे रहे थे।