अराजकता का माहौल, मनरेगा के अधिकारी को नहीं मालूम, नुआंव प्रखंड में हैं कितने जॉब कार्डधारी

मनरेगा कार्यालय इन दिनों भगवान भरोसे चल रहा है। इस विभाग के पदाधिकारी को विभाग द्वारा प्रखंड में संचालित योजनाओं की वर्तमान स्थिति की जानकारी नहीं है। इनसे कोई भी जानकारी मांगने पर विभाग की वेबसाइट का हवाला दिया।

By Prashant KumarEdited By: Publish:Fri, 22 Jan 2021 03:38 PM (IST) Updated:Fri, 22 Jan 2021 03:38 PM (IST)
अराजकता का माहौल, मनरेगा के अधिकारी को नहीं मालूम, नुआंव प्रखंड में हैं कितने जॉब कार्डधारी
मनरेगा कार्यालय से गायब अधिकारी व कर्मचारी। जागरण।

संवाद सूत्र, नुआंव (भभआ)। प्रखंड का मनरेगा कार्यालय इन दिनों भगवान भरोसे चल रहा है। इस विभाग के पदाधिकारी को विभाग द्वारा प्रखंड में संचालित योजनाओं की वर्तमान स्थिति की जानकारी नहीं है। इनसे कोई भी जानकारी मांगने पर विभाग की वेबसाइट का हवाला देते हुए कहते हैं कि जो कुछ भी जानकारी लेनी है, वह वेबसाइट से प्राप्त करें। यहां से कोई जानकारी साझा नहीं की जाएगी।

कार्यालय के कर्मी लोगों को दिखाने के लिए कार्यालय खोलते हैं। ये कार्यालय खोलकर बाहर घूमते रहते हैं। कार्यालय में रखी कुर्सियों पर ये तभी बैठे दिखाई दे सकते है जब कोई इनका खास व्यक्ति किसी विशेष काम से आया हो। इसमें इनका भी कोई खास दोष नहीं है क्योंकि जब कार्यालय का पदाधिकारी हीं चार चार दिन गायब हो और जब आए भी तो लेटलतीफ, ऐसी स्थिति में कर्मी तो लापरवाह होंगे ही। इस लापरवाही का नतीजा है कि यहां के पदाधिकारी को प्रखंड में कितने जॉब कार्डधारी है, कितना जॉब उपलब्ध कराया गया, लॉकडाउन की अवधि में कितने जॉब सृजित हुए, कितने पशुशेड बने, कितना वृक्षारोपण हुआ।

इसके बारे में जानकारी तक नहीं है। कोई जानकारी लेने पर पहले तो कर्मचारियों द्वारा गोल मटोल जवाब देकर टालने का प्रयास किया जाता है। यहां के पदाधिकारी कुछ नहीं बता पाते। ऐसी स्थिति में सवाल उठता है दूर दराज गांव से आया व्यक्ति अपनी फरियाद कहां करे। ऐसी हीं परिस्थितियों का सामना इन दिनों प्रखंड के लोगों को करना पड़ रहा है। प्रखंड मनरेगा कार्यालय में मिले कुछ लोगों ने बताया कि कार्यक्रम पदाधिकारी को फोन कर कार्यालय में किसी कर्मी के नहींहोने की शिकायत की गई तो उनके द्वारा कुछ देर में कार्यालय पहुंचने की बात कही गई। कार्यालय आने पर जब जानकारी मांगी गई तो वेबसाइट का हवाला देते हुए कहा गया कि जो भी सूचना लेनी हो वहां से प्राप्त करें। इसी तरह का जवाब आए दिन लोगों को दिया जा रहा है। अब सवाल उठता है कि ग्रामीण क्षेत्र का कम पढ़ा लिखा व्यक्ति जिसके पास न तो नेट है और न ही वेबसाइट समझ आती है वह कैसे सूचना प्राप्त करें। ऐसे में यह स्पष्ट है कि मनरेगा विभाग के पदाधिकारी और कर्मियों द्वारा प्रखंड के लोगों को जानबूझ कर परेशान किया जा रहा है।

chat bot
आपका साथी