Nawada: ऑक्सीजन की कमी से जूझ रहे गंभीर मरीज को डेढ़ घंटे बाद मिली एंबुलेंस, तोड़ा दम
चार-पांच दिनों से बुखार से तप रहे मरीज को रोह पीएचसी में भर्ती कराए जाने के बाद ऑक्सीजन की कमी बताकर डॉक्टर ने रेफर कर दिया। लेकिन मरीज को डेढ़ घंटे बाद एंबुलेंस मिली। स्वजनों का कहना है कि इसी वजह से मौत हुई।
रोह (नवादा), संवाद सूत्र। रूपौ ओपी थाना क्षेत्र के छनौन गांव के एक व्यक्ति की मौत सांस की समस्या होने से बुधवार देर रात हो गई। स्वजनों ने आरोप लगाया है कि रोह पीएचसी से रेफर किए जाने के बाद समय से एंबुलेंस नहीं मिली। इस कारण अरुण मिस्त्री की मौत हो गई। स्वजनों का कहना है कि अरुण मिस्त्री में कोरोना के लक्षण थे। लेकिन उनकी जांच नहीं कराई गई।
चार-पांच दिनों से थी तेज बुखार
परिवार के लोगों ने बताया वे चार-पांच दिनों से बीमार चल रहे थे। तेज बुखार की शिकायत थी। बुखार लगने के बाद निजी क्लिनिक के डॉक्टर से इलाज करा रहे थे। लेकिन इस बीच हालत काफी बिगड़ गई। तब स्वजनों ने रोह पीएचसी रोह में भर्ती कराया। पीएचसी के डॉक्टरों ने स्थिति देखकर बताया कि ऑक्सीजन की कमी हो रही है। कुछ देर ऑक्सीजन देने के बाद नवादा रेफर कर दिया। स्वजनों का आरोप है कि समय से एंबुलेंस नहीं मिलने के कारण नवादा ले जाने में देरी हो गई। डेढ़ घंटे बाद एंबुलेंस दी गई। काफी देर से एंबुलेंस सेवा मिलने के कारण अरुण मिस्त्री ने नवादा पहुंचते ही दम तोड़ दिया।
स्वजन शव लेकर चले गए और कर दिया अंतिम संस्कार
कोरोना की आशंका के बावजूद अस्पताल प्रशासन ने शव की सुध नहीं ली। इसके बाद स्वजन शव लेकर गांव चले गए। वहां उसकी अंत्येष्टि कर दी। स्थानीय लोगों का कहना है कि अरुण मिस्त्री में कोरोना के लक्षण थे। तेज बुखार और बाद में ऑक्सीजन की कमी से इसकी संभावना है। लेकिन पीएचसी में काेरोना टेस्ट नहीं किया गया। इस कारण यह स्पष्ट नहीं है कि मौत का कारण कोरोना है या कुछ और।इधर एंबुलेंस देर से दिए जाने की बाबत पूछने पर पीएचसी प्रभारी डॉ. राजकिशोर प्रसाद ने बताया कि पीएचसी में दो एंबुलेंस की सुविधा थी। लेकिन उनमें से एक खराब हो गई है। इस कारण पूरा लोड एक ही एंबुलेंस पर है। विभाग से कई बार एंबुलेंस की मांग की गई है।