एंबुलेंस चालक वसूल रहे मनमाना किराया, लेकिन स्वजन शिकायत करने जाएं या मरीज की जान बचाने
बिहार सरकार के आदेश के बावजूद एंबुलेंस चालक अपने हिसाब से किराया वसूल रहे हैं। पीड़ितों के साथ समस्या है कि वे शिकायत करने जाएं या अपने मरीज का इलाज कराने। एंबुलेंस वालों का कहना है कि अधिक पैसे देने पर ही चालक कोरोना मरीज को ले जाते हैं।
गया, जागरण संवाददाता। बिहार में राज्य सरकार ने भले ही निजी एंबुलेंसों का किराया तय कर दिया हो लेकिन इसका अनुपालन नहीं किया जारहा। अब भी एंबुलेंस चालक मनमानी कर रहे हैं। कोरेाना संक्रमितों के स्वजन मजबूरी उनकी मनमानी मानने को विवश हैं। स्थिति यह है कि गया शहरी क्षेत्र में प्रति किलोमीटर एक हजार रुपये वसूले जा रहे हैं। मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल से विष्णुपद श्मशान घाट तक शव ले जाने के लिए ढाई से तीन हजार तक एंबुलेंस वाले वसूलते हैं।
कोरोना संक्रमितों को ले जाने को तैयार नहीं होते चालक
निजी एंबुलेंस चालकों की अपनी समस्या है। कहते हैं कि कोरोना मरीजों को ढोने के लिए अभी कोई भी ड्राइवर तैयार नहीं होता है। जब अधिक रुपये देने की बात कही जाती है तभी वह तैयार होता है। हम क्या करें। ऐसे में सवाल यह उठता है की कोरोना कि आपदा को कमाने का अवसर मानने वाले यह एंबुलेंस चालक क्या आम मरीजों के साथ न्याय कर रहे हैं? प्रशासनिक अधिकारियों का तर्क है कि यदि कोई पीड़ित मरीज के स्वजन लिखित रूप से एंबुलेंस चालक के खिलाफ आवेदन देंगे तो निश्चित रूप से कार्रवाई की जाएगी। अब यह सवाल यह उठता है कि स्वजन पहले अपने मरीज की जान बचाएं या शिकायत करने थाने जाएं।
मगध मेडिकल अस्पताल में बिचौलिया भी हावी
मगध मेडिकल अस्पताल के पास दिन रात एंबुलेंस चालक मंडराते रहते हैं यहां तक की अस्पताल के अंदर के वार्ड बॉय और एंबुलेंस चालकों की मिलीभगत से वार्ड के अंदर से ही सब कुछ फिक्स हो जा रहा है। यह सब तब हो रहा है जब अस्पताल प्रबंधन हर तरह की चौकसी बरतने की बात कर रहा है। कोरोना संकट के दौरान पूर्व में अस्पताल अधीक्षक के द्वारा परिसर के अंदर किसी भी प्राइवेट एम्बुलेंस वाहन के प्रवेश पर रोक लगाई गई थी। लेकिन इन दिनों यह सारे आदेश ताक पर रखे गए हैं। सरकारी आदेश का उल्लंघन कर चालक मनमाना किराया वसूल रहे हैं।