कृषि विभाग ने किसान पुरस्कार के लिए भभुआ के केवढ़ी में कराई क्रॉप कटिंग, प्रखंड में सबसे अधिक उत्पादन करने वाले को मिलता है पुरस्कार

पांच क्षेत्रों धान गेहूं आलू दूध व मछली में प्रखंड में सबसे अधिक उत्पादन करने वाले किसान को दस हजार का किसान पुरस्कार दिया जाता है। इसके लिए किसानों को पूर्व में ऑनलाइन आवेदन देना होता है। फसल तैयार होने पर अधिकारी क्रॉप कटिंग करा उत्पादन का आकलन करते हैं।

By Prashant Kumar PandeyEdited By: Publish:Tue, 23 Nov 2021 06:22 PM (IST) Updated:Tue, 23 Nov 2021 06:22 PM (IST)
कृषि विभाग ने किसान पुरस्कार के लिए भभुआ के केवढ़ी में कराई क्रॉप कटिंग, प्रखंड में सबसे अधिक उत्पादन करने वाले को मिलता है पुरस्कार
भभुआ के केवढ़ी में क्रॉप कटिंग कराने के बाद अधिकारी

 संवाद सूत्र, कुदरा: कृषि विभाग की एजेंसी कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंध अभिकरण आत्मा से जुड़े अधिकारियों ने मंगलवार को स्थानीय प्रखंड के केवढ़ी गांव में धान की फसल की क्रॉप कटिंग कराई। यह क्रॉप कटिंग केवढ़ी गांव के उन दो किसानों के खेतों में कराई गई जिन्होंने किसान पुरस्कार के लिए आवेदन दिया है। इस दौरान मौजूद लोगों में प्रखंड तकनीकी प्रबंधक राहुल कुमार, सहायक तकनीकी प्रबंधक डॉ मनीष कुमार सिंह, किसान सलाहकार निरंजन कुमार सिंह व संबंधित किसान शामिल थे। 

धान, गेहूं, आलू, दूध व मछली के अच्छे उत्पादन पर मिलता है पुरस्कार

सहायक तकनीकी प्रबंधक डॉ मनीष कुमार सिंह ने बताया कि पांच क्षेत्रों धान, गेहूं, आलू, दूध व मछली में प्रखंड में सबसे अधिक उत्पादन करने वाले किसान को दस हजार रुपए का किसान पुरस्कार दिया जाता है। इसके लिए किसानों को पूर्व में ऑनलाइन आवेदन देना होता है। फसल तैयार होने पर जब किसान के द्वारा सूचना दी जाती है तो कृषि विभाग के अधिकारी खेत पर जाकर क्रॉप कटिंग करा कर उत्पादन का आकलन करते हैं। चूंकि वर्तमान में धान की फसल के उत्पादन का सीजन है इसलिए इसकी क्रॉप कटिंग कराई जा रही है। 

केवढ़ी गांव के दो किसानों के खेतों में क्रॉप कटिंग कराई गई

सहायक तकनीकी प्रबंधक ने बताया कि इस वर्ष प्रखंड में धान की फसल को लेकर दस किसानों ने किसान पुरस्कार के लिए ऑनलाइन आवेदन दिया है। उनमें शामिल केवढ़ी गांव के दो किसानों आशीष रंजन कुमार और अभिषेक कुमार सिंह के खेतों में पहुंचकर मंगलवार को क्रॉप कटिंग कराई गई। इस दौरान किसानों के खेतों में प्रावधानों के मुताबिक फसल की कटाई कराई गई और वहीं पर खलिहान में उससे अनाज निकालकर उसका वजन लिया गया।

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