Bihar Police SI Result 2019: ड्राइवर पति की मौत के बाद टूटा दुखों का पहाड़, रिंकी ने समेटा हौसला और बनी दारोगा
Bihar Police SI Result 2019 कभी सिपाही की नौकरी छोड़ने वाली रिंकी को क्या मालूम था कि उसपर दुखों का पहाड़ टूट पड़ेगा। उसने आंगनबाड़ी सेविका की नौकरी की। मगर ट्रक ड्राइवर पति की मौत के बाद घर की आर्थिक स्थिति चरमराई तो उसने ऐसी की तैयारी...
संवाद सूत्र, गुरारू (गया)। पति की मौत जैसी कुदरत की कुठाराघात को सहन कर गया जिले के गुरारु प्रखंड के मनियार विगहा गांव की बहु रिंकी कुमारी ने बिहार पुलिस अवर सेवा आयोग द्वारा आयोजित वर्ष 2019 की परीक्षा में सब इंस्पेक्टर बन कर अलग मिसाल पेश की है। वर्ष 2019 में पति की मौत के बाद दो बच्चों की परवरिश की जिम्मेदारी कंधे पर आ जाने के बाद भी रिंकी ने अपना लक्ष्य साधे रखा धैर्य से लक्ष्य की तरफ बढ़ते गई और अंततः समाज में जबरदस्त मिसाल पेश कर दी।
रिंकी ने बताया है कि इससे पहले वर्ष 2017 में भी सब इंस्पेक्टर की प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा पास कर ली थी। लेकिन, गर्भवती रहने के कारण उसे आवेदन देने के बाद भी फिजिकल जांच में शामिल नहीं होने दिया गया था। इससे वह सपना पूरा नहीं कर पाई थी। इसके बाद वर्ष 2018 में उत्पाद अवर निरीक्षक की सभी परीक्षाओं में शामिल होने के बाद उसका अंतिम रूप से चयन सूची में मेरिट नहीं बन पाया था।
फिर 2018 में ही बिहार पुलिस में सिपाही की परीक्षा पास कर नौकरी ज्वाइन कर ली। लेकिन, लक्ष्य कुछ और था। इसलिए सिपाही की नौकरी से त्यागपत्र दे दिया। 2018 में ही गुरारु प्रखंड के कोंची पंचायत में आंगनबाड़ी केन्द्र शिवपुर में उसका चयन आंगनवाड़ी सेविका के पद पर हो गया। सब कुछ ठीक चल रहा था। इसी बीच वर्ष 2019 में उसके पति राजेश यादव जो पेशे से ट्रक ड्राइवर थे, झारखंड के धनबाद के समीप सड़क दुर्घटना में चल बसे। दो मासूम बच्चों की परवरिश का बोझ उसके कंधे पर आ गया।
कुदरत की असहनीय कुठाराघात के बाद भी रिंकी ने सब इंस्पेक्टर बन कर न सिर्फ मिसाल पेश की बल्कि, क्षेत्र का मान भी बढ़ा दिया। रिंकी पढ़ने में शुरू से ही मेधावी रही है। आती उच्च विद्यालय से वर्ष 2008 में मैट्रिक की परीक्षा प्रथम श्रेणी से, अनुग्रह मेमोरियल कॉलेज गया से वर्ष 2010 में इंटरमीडिएट कला की परीक्षा प्रथम श्रेणी से, केपीएस कॉलेज गया से वर्ष 2013 में स्नातक प्रतिष्ठा की परीक्षा प्रथम श्रेणी से व मगध विश्वविद्यालय बोधगया से वर्ष 2015 में इतिहास विषय से स्नातकोत्तर की परीक्षा भी प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण हो चुकी है ।