बिना लाइसेंस बालू का भंडारण करनेवालों पर भी प्रशासन की पैनी नजर, कैमूर में चलेगा पुलिस का डंडा
जिले में बालू का खनन तो नहीं लेकिन बालू के अधिक दाम में बेचने व उसके अवैध भंडारण का काम बेलगाम है। अब बिना लाइसेंस तथा क्षमता से अधिक भंडारण करने वाले बालू दुकानदारों पर कार्रवाई होगी। खनन विभाग राजस्व विभाग पुलिस तथा परिवहन विभाग अभियान में जुटे।
भभुआ, संवाद सहयोगी। जिले में बालू के अवैध व्यवसाय पर प्रशासन की नजर तेज है। जिले में बालू का खनन तो नहीं, लेकिन बालू के अधिक दाम में बेचने व उसके अवैध भंडारण का काम दुकानदारों द्वारा किया जाता है। इसको लेकर खनन विभाग व अन्य विभाग लगातार काम कर रहा है। ताबड़तोड़ छापेमारी चलने के बाद बालू के दुकानदारों में भय भी व्याप्त होने लगा है। जानकारी के मुताबिक अवैध भंडारण करना बिहार खनिज अधिनियम के तहत गलत है। इसको लेकर जिला प्रशासन लगातार कार्रवाई कर रहा है। बिना लाइसेंस के बालू दुकानदार तथा क्षमता से अधिक भंडारण करने वाले दुकानदारों पर कार्रवाई होगी। खनन विभाग, राजस्व विभाग, पुलिस तथा परिवहन विभाग संयुक्त रूप से अभियान चला रहा है। इसी क्रम में जिले के शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों के दुकानदारों पर भी ध्यान रखा जा रहा है। इसके अलावा नदियों के किनारे बसे गांवों पर भी विशेष ध्यान है।
कोई भी ले सकता भंडारण लाइसेंस
बालू का भंडारण और बिक्री का लाइसेंस कोई भी व्यक्ति अथवा फर्म ले सकता है। इसके लिए विभाग को 10 हजार रुपये शुल्क देना होगा। लाइसेंस का नवीनीकरण हर साल कराने के लिए 2000 रुपये शुल्क देना होता है।
लाइसेंस के लिए जरूरी दस्तावेज
खनन विभाग के वेबसाइट पर लाइसेंस के लिंक दिया गया है। लिंक पर पहला पन्ना पंजीयन का है। इसमें नाम, पता, पहचान पत्र, मोबाइल और मेल आइडी देना अनिवार्य है। सफलता पूर्वक पंजीयन के बाद दस्तावेज की बारी आएगी। भंडारण स्थल का कागजात देना होगा। अपनी जमीन है तो दाखिल-खारिज और मालगुजारी रसीद जबकि यदि किराए पर लिया है तो लीज की प्रति देना होगा। भंडारण स्थल का फोटा और नक्शा देना होगा। 10 हजार रुपए शुल्क के साथ सभी दस्तावेज सही रहे तो विभाग आनलाइन ही लाइसेंस जारी कर देगा।