गया इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर ड्रोन के खतरों को लेकर प्रशासन अलर्ट, सुरक्षा उपायों पर हुआ मंथन
गया डीएम ने इंटरनेशनल एयरपोर्ट से प्लेन हाइजैक की स्थिति को हैंडल करने और संभावित ड्रोन हमले की तैयारियों की हाईलेवल मीटिंग की। एयरपोर्ट की सुरक्षा को लेकर एरोड्रम कमेटी के सदस्यों ने कई बिंदुओं पर विमर्श किया और सुझाव दिए।
गया, जागरण संवाददाता। सुगम एवम सुरक्षित विमान परिचालन के लिए विमानपत्तन को कई निर्देशित मानकों पर खरा उतरना पड़ता है। एरोप्लेन हाइजैक की स्थिति से निपटने और संभावित ड्रोन हमले की तैयारियों को लेकर शनिवार को गया एयरपोर्ट पर ऑनलाइन एरोड्रम कमेटी की मीटिंग डीएम अभिषेक सिंह की अध्यक्षता में की गई। विमानपत्तन निदेशक दिलीप कुमार ने संयोजक के रूप में सभी संबंधित सदस्य अधिकारियों का स्वागत करते हुए मीटिंग की महत्ता को बताया। गया एयरपोर्ट के मुख्य एयरपोर्ट सुरक्षा अधिकारी उप समादेष्टा बलवंत कुमार सिंह ने एरोड्रम कमेटी के सभी सदस्यों को उनकी जवाबदेही से अवगत कराया। विमान अपहरण की स्थिति को हैंडल करने के लिए केंद्रीय स्तर पर गठित कमेटी व उनके कार्य प्रणाली पर चर्चा हुई।
संभावित ड्रोन हमले को लेकर तैयारी
नए उभर रहे ड्रोन के खतरे और उससे सुरक्षा के उपायों पर भी विस्तार से चर्चा की गई। डीएम ने ड्रोन से उत्पन्न खतरे को दूर करने के लिए सदस्यों से व्यापक चर्चा कर समीक्षा की। मीटिंग में सिटी एसपी राकेश कुमार, सीआरपीएफ के डीसी अवधेश कुमार और एनएसजी के प्रतिनिधि मेजर नवनीत बहुगुणा भी शामिल थे। साथ ही बीसीएएस, भारतीय वायु सेना, ओटीए, मगध यूनिवर्सिटी, स्थानीय प्रशासन, स्थानीय पुलिस, स्वास्थ्य विभाग, सी आईं एस एफ, एयरलाइंस एवम एयरपोर्ट अथॉरिटी के संबंधित अधिकारियों ने भाग लिया।
एरोड्रम पर्यावरण कमेटी मीटिंग का भी ऑनलाइन आयोजन किया गया। विमान परिचालन को सुरक्षित रखने के लिए एयरपोर्ट के आसपास मांस मछली की दुकानों को हटाने की आवश्यकता बताई गई। गया-डोभी रोड की तरफ एयरपोर्ट के फनेल एरिया के पास हो रहे निर्माण को अनापत्ति प्रमाण पत्र लेने की भी जरूरत के बारे में लोगों को अवगत कराने के लिए चर्चा की गई। बारिश के दिनों में एयरपोर्ट परिचालन क्षेत्र और आस पास जल जमाव की समस्या को दूर करने के लिए ड्रेनेज को बनवाने व पानी निकासी में तत्कालीन समस्या को दूर करने पर जोर दिया गया।