गया जिले में सितंबर माह में मिले 687 टीबी मरीज, कुल 4305 मरीजों का चल रहा इलाज

जिले का यक्ष्मा विभाग इन दिनों टीबी मरीजों को खोजने के विशेष अभियान में लगा हुआ है। सितंबर व अक्टूबर माह में इसके लिए सघन खोज अभियान चलाया गया। सितंबर माह में करीब पांच हजार लोगों की जांच में 687 मरीज मिले।

By Sumita JaiswalEdited By: Publish:Fri, 22 Oct 2021 11:51 AM (IST) Updated:Fri, 22 Oct 2021 11:51 AM (IST)
गया जिले में सितंबर माह में मिले 687 टीबी मरीज, कुल 4305 मरीजों का चल रहा इलाज
सरकार टीबी मरीज को 500 रुपए प्रतिमाह पोषण राशि देती है, सांकेतिक तस्‍वीर।

गया, जागरण संवाददाता। जिले का यक्ष्मा विभाग इन दिनों टीबी मरीजों को खोजने के विशेष अभियान में लगा हुआ है। सितंबर व अक्टूबर माह में इसके लिए सघन खोज अभियान चलाया गया। गया जिला यक्ष्मा कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार सितंबर माह में 687 मरीजों की पहचान की गई है। करीब पांच हजार लोगों की संभावित बीमारी को लेकर जांच की गई। अक्टूबर माह में भी यह अभियान जारी है। जिले में यह अभियान सफलतापूर्वक चलाया जा रहा है। टीबी मरीज को सरकार हरेक महीने 500 रुपए का पोषण राशि देती है। ताकि मरीज पौष्टिक सामान खरीदकर खा पी सकें।

पांच प्रखंडों में ट्रूनैट से टीबी बीमारी की जांच की सुविधा

टीबी उन्मूलन को लेकर सरकार ने कई तरह की सुविधाएं अस्पतालों में दी है। इसके तहत जयप्रकाश नारायण अस्पताल, वजीरगंज, शेरघाटी, टिकारी व मगध मेडिकल अस्पताल में ट्रूनेट से जांच की सुविधा उपलब्ध है। इसके अलावा एक्स-रे व माइक्रोस्कोपिक के जरिए भी स्फूटम की जांच होती है। इनके जरिए भी टीबी बीमारी के संक्रमण का चिकित्सक पता लगाते हैं। जिले में क्लीनिकल व बलगम जांच की भी सुविधा उपलब्ध है।  

सरकारी अस्पतालों के साथ ही निजी अस्पतालों में भी इलाज व दवा की सुविधा

गया जिले के सभी सरकारी अस्पतालों के अलावा चिह्नित निजी अस्पतालों में भी टीबी के इलाज व दवा की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। यदि निजी अस्पतालों में मरीज की पहचान टीबी संक्रमित के रूप में हो जाती है तो उन्हें सरकारी स्तर से मुफ्त में दवा भी उपलब्ध कराई जाती है। जिले भर में 297 निजी चिकित्सालय इसके लिए चिह्नित हैं। यहां पर टीबी के इलाज की सुविधा है। इस काम में वल्र्ड हेल्थ पार्टनर संस्था भी सहयोग दे रही है। कई लाचार मरीज के घर तक भी संस्थान के कर्मी दवा पहुंचाते हैं। चिकित्सक की सलाह पर टीबी की दवा छह माह तक नियमित रूप से लेने पर तकलीफ ठीक हो सकती है।

सितंबर में माइक्रोस्कोपिक स्फूटम जांच- 379

स्फूटम जांच में संक्रमित मिले- 45

----

सितंबर में ट्रूनैट से जांच- 729

ट्रूनैट में 187 एमटीबी संक्रमित मिले

------------

टीबी का इलाज करने के लिए कहां कितने निजी चिकित्सालय

गया शहर- 166

टिकारी- 06

शेरघाटी- 25

बोधगया- 15

------------

जिले भर में अभी 4305 मरीज खा रहे हैं टीबी की दवा

------------

क्या कहते हैं अधिकारी:

टीबी उन्मूलन के उद्देश्य से सितंबर व अक्टूबर में नए मरीजों के नोटिफिकेशन का अभियान चलाया जा रहा है। सितंबर में 687 मरीज की पहचान हुई है।

डा. पंकज कुमार ङ्क्षसह, जिला यक्ष्मा पदाधिकारी, गया।

chat bot
आपका साथी