कैमूर जिले के 440 सरकारी भवनों में बनाया गया वाटर हार्वेस्टिग सिस्टम

जिले में अब भूगर्भ जल संकट का दंश लोगों को नहीं झेलना पड़ेगा।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 11 Jul 2021 05:12 PM (IST) Updated:Sun, 11 Jul 2021 05:12 PM (IST)
कैमूर जिले के 440 सरकारी भवनों 
में बनाया गया वाटर हार्वेस्टिग सिस्टम
कैमूर जिले के 440 सरकारी भवनों में बनाया गया वाटर हार्वेस्टिग सिस्टम

कैमूर : जिले में अब भूगर्भ जल संकट का दंश लोगों को नहीं झेलना पड़ेगा। जिले में जल जीवन हरियाली अभियान के अंतर्गत बारिश के पानी को संरक्षित करने की कवायद शुरू कर दी गई है। जिले के विभिन्न विभागों के सरकारी भवनों में बारिश के पानी को संरक्षित करने के लिए 440 वाटर हार्वेस्टिग सिस्टम को पूर्ण कर लिया गया है। बारिश के पानी को संरक्षित करने से जिलावासियों को भूगर्भ जल संकट गहराने से निजात मिलेगी।

जल जीवन हरियाली अभियान के अंतर्गत विभाग द्वारा जिले के सरकारी भवनों में वाटर हार्वेस्टिग सिस्टम के माध्यम से बारिश के पानी को संरक्षित करने के लिए भवनों में वाटर हार्वेस्टिग सिस्टम बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। निर्धारित लक्ष्य के सापेक्ष कैमूर जिले में भवन निर्माण विभाग स्वास्थ्य विभाग शिक्षा विभाग के 440 भवनों में वाटर हार्वेस्टिग सिस्टम का कार्य पूर्ण कर पानी को संरक्षित किया जा रहा है।

बता दें कि बीते कई वर्षों से लोगों को गर्मी के दिनों में भूगर्भ जल स्तर नीचे खिसक जाने के कारण पेयजल जैसी समस्या से जूझना पड़ रहा था। जलस्तर नीचे जाने से घरों में लगे सबमर्सिबल, चापाकल पानी देना बंद कर दे रहे थे। इसके अलावा भूगर्भ जल स्तर नीचे जाने से खेतों में किसानों द्वारा लगाई गई रबी व खरीफ की फसलों की सिचाई के लिए भी भारी संकट का सामना किसानों को भी करना पड़ता है। जल जीवन हरियाली भूमि संरक्षण विभाग, कृषि विभाग लघु सिचाई विभाग द्वारा चेक डैम का निर्माण करा कर बारिश के पानी को एकत्रित करके उसे सिचाई के उपयोग में लाने की पहल शुरू कर दी गई है। यह पहल मैदानी क्षेत्र के साथ-साथ जिले के पहाड़ी प्रखंड क्षेत्र अधौरा में भी भूमि संरक्षण विभाग द्वारा जल संरक्षण के लिए कच्चे व पक्के चेक डैम बनाए जा रहे है।

विभाग से मिली जानकारी के अनुसार जिले में भवन निर्माण विभाग द्वारा 333 स्वास्थ्य विभाग ने आठ व शिक्षा विभाग द्वारा 99 अपने भवनों में जल संरक्षण के लिए वाटर हार्वेस्टिग सिस्टम एक कार्य को पूर्ण कर लिया गया है। जिला प्रशासन जिले में अतिक्रमणयुक्त जल संचयन इकाइयों को भी अतिक्रमण मुक्त कराने की दिशा में पहल कर रहा है। कैमूर जिले में 429 तालाब आज भी अतिक्रमण की चपेट में है।

प्रखंडवार अतिक्रमणयुक्त तालाबों की संख्या:

प्रखंड - तालाबों की संख्या

भभुआ- 81

रामपुर- 43

रामगढ़- 23

चांद - 55

चैनपुर-28

दुर्गावती- 22

कुदरा- 28

भगवानपुर- 23

मोहनियां- 87

नुआंव- 42

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