कोरोना काल में भी सासाराम से 3.75 लाख यात्रियों ने किया रेल का सफर

यात्री किराया से राजस्व देने में सासाराम रेलवे स्टेशन लगातार कई वर्षों से आगे रहा है। फिर भी यात्री सुविधाओं का टोटा है। एक मुश्त ट्रेन नहीं चलने के बावजूद यहां से रेलवे को वित्तीय वर्ष 2020-21 में यात्री किराया के रूप में 11.60 करोड़ प्राप्त हुआ ह

By JagranEdited By: Publish:Sun, 11 Jul 2021 04:59 PM (IST) Updated:Sun, 11 Jul 2021 04:59 PM (IST)
कोरोना काल में भी सासाराम से 3.75 लाख यात्रियों ने किया रेल का सफर
कोरोना काल में भी सासाराम से 3.75 लाख यात्रियों ने किया रेल का सफर

गया। यात्री किराया से राजस्व देने में सासाराम रेलवे स्टेशन लगातार कई वर्षों से आगे रहा है। फिर भी यात्री सुविधाओं का टोटा है। एक मुश्त ट्रेन नहीं चलने के बावजूद यहां से रेलवे को वित्तीय वर्ष 2020-21 में यात्री किराया के रूप में 11.60 करोड़ प्राप्त हुआ है, वही यात्रा करने वाले यात्रियों की संख्या भी 3.75 लाख है। जबकि समीप के जिले दूसरे रेलवे स्टेशन से बीते वित्तीय वर्ष में 3.64 लाख लोगों ने ट्रेन का सफर किया है और विभाग को 11.02 करोड़ राजस्व मिला है। जबकि कोरोना महामारी के कारण बीते वर्ष 23 मार्च से 31 मई तक एक भी यात्री ट्रेन नहीं चली। जून से धीरे-धीरे कोविड स्पेशल के रूप यात्री ट्रेनों को चलाने का कार्य प्रारंभ किया गया। अब यात्रियों को है लाइफ लाइन ट्रेनों के चलने का इंतजार :

पिछले वर्ष कोरोना महामारी के कारण बंद हुए ट्रेनों के परिचालन में से आधा से अधिक एक्सप्रेस ट्रेनों का चलना शुरू हो गया। लेकिन सासाराम व डेहरी के अलावा अन्य छोटे रेलवे स्टेशन से रेलगाड़ी से सफर करने वाले यात्रियों को अब लाइफ लाइन के रूप में जाने जाते रहे रांची- वाराणसी इंटरसिटी, बु़द्ध पूर्णिमा एक्सप्रेस, आसनसोल वाराणसी-वाया बरकाकाना पैसेंजर, पटना सासाराम फास्ट पैसेंजर, आरा-डीडीयू वाया सासाराम पैसेंजर, तीन जोड़ी आरा-सासाराम सवारी, गया-डीडीयू फास्ट पैसेंजर के अलावा डेहरी तक गया व बरकाकाना से चलने वाली पैसेंजर व पलामू एक्सप्रेस जैसे लाइफ लाइन ट्रेनों के चलने का इंतजार है। कारण कि ये ट्रेनों एंबुलेंस के रूप में जाने जाते हैं, जिससे रांची, वाराणसी व पटना इलाज कराने जाने वालों के लिए एक मात्र सहारा रहे हैं। हालांकि रेल परिचालन बंद होने से आमदनी पर भी असर पड़ा है। न एफओबी बना न लगी स्वचालित सीढ़ी :

कम समय में तेजी से विकास करने वाले देश के टाप फाइव स्टेशन बने सासाराम में फिलहाल यात्री सुविधाओं का टोटा है। हालांकि सासाराम रेलवे स्टेशन पर यात्री सुविधा को बेहतर बनाने के लिए पूर्व से आधा दर्जन योजनाएं स्वीकृत की गई हैं, जिसमें से एक का कार्य ढ़ाई से वर्ष से अधूरा पड़ा है, तो दो योजना शिलान्यास तक सिमट कर रह गई है। इन योजनाओं को पूरा कराने के लिए स्थानीय सांसद ने रेलवे के आला अधिकारियों को पत्र भी लिख चुके हैं, फिर कार्य प्रारंभ नहीं हो सका है। लगभग पांच करोड़ की लागत से बनने वाले नये एफओबी का कार्य ढ़ाई वर्ष से ठप पड़ा है। वहीं एक्सलिलेटर लगाने की योजना शिलान्यास तक ही सिमट कर रह गई है। बीते दिनों सांसद छेदी पासवान ने रेल मंत्री को पत्र भेज सासाराम रेलवे स्टेशन पर यात्री सुविधाओं को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से स्वीकृत योजनाओं को शीघ्र पूरा करने की मांग की है। जिसमें अधूरे पड़े एफओबी व एक्सिलेटर के अलावा सभी प्लेटफार्म को पूर्ण रूप यात्री शेड से आच्छादित करने, रेलवे स्टेडियम के बगल से गुजरे सड़क का निर्माण समेत अन्य विकास कार्य शामिल थे।

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