सुअर पालन के लिए गया में 151 लाभुकों का होगा चयन, बिहार सरकार देगी 80 फीसद अनुदान

राज्य स्तरीय सुअर विकास योजना अंतर्गत प्रोत्साहन लाभ देने की योजना बनी है। जिला पशुपालन विभाग की ओर से 151 अनुसूचित जाति के सुअर पालकों का चयन किया जाना है। इच्छुक लोग पशुपालन विभाग के साइट के माध्यम से आनलाइन आवेदन कर सकते हैं।

By Sumita JaiswalEdited By: Publish:Tue, 19 Oct 2021 03:58 PM (IST) Updated:Tue, 19 Oct 2021 04:00 PM (IST)
सुअर पालन के लिए गया में 151 लाभुकों का होगा चयन, बिहार सरकार देगी 80 फीसद अनुदान
सुअर पालन के लिए मिलेगी 80 फीसद सब्सिडी। सांकेतिक तस्‍वीर।

गया, जागरण संवाददाता। राज्य स्तरीय सुअर विकास योजना अंतर्गत प्रोत्साहन लाभ देने की योजना बनी है। जिला पशुपालन विभाग की ओर से 151 अनुसूचित जाति के सुअर पालकों का चयन किया जाना है। इसके लिए विभाग ने लक्ष्य निर्धारित किया है। इच्छुक लोग पशुपालन विभाग के साइट के माध्यम से आनलाइन आवेदन कर सकते हैं। सहायक कुक्कुट पदाधिकारी डा. रौशन कुमार ने बताया कि सुअर पालन की योजना बनी है। दो मादा व एक नर सुअर की खरीद पर विभाग की ओर से नियमानुसार 80 फीसद का अनुदान दिया जाएगा।

इसी साल फरवरी में वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए इसी योजना के तहत 154 लाभुकों का चयन किया गया है। सुअर के लिए विभागीय टेंडर किया जा रहा है। इसी नियम से लाभुक को अच्छी नस्ल का सुअर खरीदना है। इस बार की जो योजना बनी है उसमें भी इसी नियम से सुअर की खरीदारी की जाएगी।

योजना के मुख्‍य बिंदु

- राज्‍य स्तरीय सुअर विकास योजना के तहत आनलाइन जमा लिए जाएंगे आवेदन

- पशुपालन विभाग का साइट खुलने से 45 दिनों तक आवेदन करने का होगा मौका

- दो मादा व एक  नर सुअर के लिए अनुसूचित जाति के परिवारों को मिलेगा योजना का लाभ

मादा सुअर की प्रजनन दर क्षमता अधिक, एक बार में देती है 8 से 10 बच्चे

  मादा सुअर में सबसे अधिक प्रजनन क्षमता दर होती है। इनका चार माह का गर्भ धारण काल होता है। सुअर अपने आप को हर मौसम में ढाल लेने में सक्षम होते हैं। एक मादा सुअर बड़ी होकर एक साल में बच्चा देने लगती है। होटलों अथवा रसोईघर के अवशिष्ट को खाकर यह अपने भोजन की जरूरत को पूरा कर लेती है।

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