बिहार पंचायत चुनाव 2021 को सासाराम में हैदराबाद से आई 10 हजार ईवीएम, गरमाया सियासी पारा

इस बार पंचायत चुनाव ईवीएम से कराया जाना है जिसके लिए हैदराबाद से 5414 बैलेट यूनिट तथा 5541 कंट्रोल यूनिट ईवीएम मंगाई गई है। चुनाव में राजनीतिक बैनर के इस्तेमाल पर कार्रवाई होगी। ग्रामीण इलाकों का सियासी पारा गरमाया।

By Sumita JaiswalEdited By: Publish:Sat, 17 Jul 2021 11:43 AM (IST) Updated:Sat, 17 Jul 2021 11:43 AM (IST)
बिहार पंचायत चुनाव 2021 को सासाराम में हैदराबाद से आई 10 हजार ईवीएम, गरमाया सियासी पारा
राज्य निर्वाचन आयोग ने जिला प्रशासन को पंचायत चुनाव की तैयारी शुरू करने को लेकर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए, सांकेतिक तस्‍वीर

जागरण संवाददाता, सासाराम : रोहतास। हैदराबाद गई जिला प्रशासन की पांच सदस्यीय टीम गुरुवार की देर शाम ईवीएम लेकर सुरक्षित जिला मुख्यालय लौट आई है। सभी ईवीएम को कड़ी सुरक्षा के बीच स्थानीय शांति प्रसाद जैन कालेज के परीक्षा भवन में रखा गया है। अधिकारियों के अनुसार पहले इसे बाजार समिति के ईवीएम भंडार गृह में रखने का निर्देश प्राप्त था, लेकिन अब इसका स्थान परिवर्तित करते हुए एसपी जैन कालेज में रखा गया है। इस बार पंचायत चुनाव ईवीएम से कराया जाना है जिसके लिए हैदराबाद से 5414 बैलेट यूनिट तथा 5541 कंट्रोल यूनिट ईवीएम मंगाई गई है।

रैलियों व सभाओं पर रहेगी प्रशासन की नजर :

चुनाव की अधिसूचना जारी होने के बाद बाजार या भीड़भाड़ वाले स्थान पर सभा का आयोजन करने से पहले सक्षम पदाधिकारी से अनुमति लेना जरूरी होगा। साथ ही स्थानीय थाना में भी सभा के आयोजन की सूचना देनी होगी, ताकि शांति व्यवस्था बनी रहे। माइक से प्रचार की अनुमति केवल सुबह छह बजे से रात्रि 10 बजे तक ही रहेगी। कोरोना से बचाव के लिए सरकार द्वारा जारी केंद्र और राज्य सरकार के गाइडलाइन का पूर्ण रूप से पालन करना होगा। आयोग के अनुसार कोई भी प्रत्याशी अगर किसी राजनीतिक दल के झंडा-बैनर का इस्तेमाल करता है, तो वह अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा, क्योंकि पंचायत चुनाव दलगत नहीं होना है। पंचायत चुनाव में किसी राजनीतिक पार्टी के नाम या चुनाव चिह्न के सहारे वोट मांगा तो यह भी आदर्श आचार संहिता उल्लंघन के दायरे में आएगा।

ग्रामीण इलाकों का सियासी पारा बढ़ा:

पंचायत चुनाव की तारीखों की घोषणा में भले ही अभी देरी हो, लेकिन ग्रामीण इलाकों का सियासी पारा अभी से उफान पर है। एक ओर जहां संभावित प्रत्याशी जनसंपर्क अभियान में जुटे हैं, वहीं मतदाता भी अब प्रत्याशियों की कुंडली खंगालने में जुट गए हैं। खेती बारी का समय होने के बाद भी ग्रामीण इलाके के लोग समय निकाल चौपालों पर चर्चाएं करनी शुरू कर दी है। वर्तमान पंचायत प्रतिनिधि अपने कामों को गिना रहे हैं, तो पहली बार मैदान में उतरने की मंशा वाले लोग अपने व्यवहार व आचरण का हवाला दे मतदाताओं को रिझाने में लगे हैं। राज्य निर्वाचन आयोग ने जिला प्रशासन को पंचायत चुनाव की तैयारी शुरू करने को लेकर आवश्यक दिशा-निर्देश दे दिया है। वर्तमान प्रतिनिधि अपने अधूरे कामों को पूर्ण करने में जुट गए हैं।

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