मशरूम की खेती से महिलाएं होंगी आत्मनिर्भर

मोतिहारी। दूधिया मशरूम की खेती से दामोदरपुर की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की कवायद चल रही है। इस क

By JagranEdited By: Publish:Tue, 09 Apr 2019 10:49 PM (IST) Updated:Tue, 09 Apr 2019 10:49 PM (IST)
मशरूम की खेती से महिलाएं होंगी आत्मनिर्भर
मशरूम की खेती से महिलाएं होंगी आत्मनिर्भर

मोतिहारी। दूधिया मशरूम की खेती से दामोदरपुर की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की कवायद चल रही है। इस कड़ी में 50 महिलाओं को केंद्रीय राजेंद्र कृषि विश्वविद्यालय पूसा के प्राध्यापक सह मशरूम विशेषज्ञ डॉ. दयाराम व राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केंद्र मुसहरी मुजफ्फरपुर के वरीय वैज्ञानिक डॉ. संजय सिंह द्वारा प्रशिक्षित किया गया। इस क्रम में वैज्ञानिकों ने किसानों के साथ पूर्व में ढिबरी मशरूम के उत्पादन को लेकर दिए गए प्रशिक्षण व प्राप्त सफलता पर अपने अनुभव को साझा किया। उन्हें आगे सफलता अर्जित करने के महत्वपूर्ण टिप्स भी दिए। मेहसी के दामोदरपुर निवासी विकास कुमार मिश्रा व पिपरा निवासी रिपुराज कुमार सिंह ने किसानों के साथ अपना अनुभव शेयर करते हुए बताया कि प्रारंभिक अवस्था मे आत्मबल के कारण उन्हें थोड़ी कठिनाई हुई। लेकिन परिपक्वता की स्थित में प्रक्रिया आसान लगने लगी। आज डॉ. दयाराम व डॉ. संजय कुमार सिंह जैसे समर्पित वैज्ञानिकों के निर्देशन में वे लोग प्रतिदिन 15 से 20 किलो विभिन्न प्रजाति के मशरूम का उत्पादन कर रहे है। उनकी योजना प्रतिदिन 100 किलो मशरूम उत्पादन की है। फार्मर फ‌र्स्ट योजना कार्यक्रम के तहत वैज्ञानिकों ने पिपरा के विशुनपुरा की 50 महिलाओं 20 युवा किसानों को दूधिया मशरूम उत्पादन की तकनीक पर प्रशिक्षण देने की बात बताई। उन्होंने कहा कि परियोजना के संरक्षक सह राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केंद्र के निदेशक डॉ विशालनाथ भी इस दिशा में अग्रसर है। उन्होंने इसे स्वरोजगार बताते हुए ज्यादा से ज्यादा महिलाओं को जोड़ने को कहा। यह भी कहा कि मशरूम उत्पादन करने वाली महिलाओं को विपणन की समस्या नहीं आने दी जाएगी। मौके पर एसआरएफ आलोक राज, मुकेश कुमार, महिला किसान शांति देवी, उमरावती कुंअर, सुनीता देवी, प्रेमा कुंअर, प्रेमा देवी, मीना देवी, रामएकबाल महतो, टुनटुन ठाकुर, उरप्रमिला देवी आदि मौजूद थीं।

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