इंतजार समाप्त, अब अपने परिसर में होगा केविवि का संचालन
महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय को भूमि मिलने के साथ इसमें चहलकदमी तेज हो गई है। नए भवन के निर्माण की आधारशिला के लिए अभी थोड़ा इंतजार जरूर है पर मिली भूमि पर पुराने भवन को नया स्वरूप देकर इस भवन का नामकरण भी कर दिया गया है।
मोतिहारी । महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय को भूमि मिलने के साथ इसमें चहलकदमी तेज हो गई है। नए भवन के निर्माण की आधारशिला के लिए अभी थोड़ा इंतजार जरूर है, पर मिली भूमि पर पुराने भवन को नया स्वरूप देकर इस भवन का नामकरण भी कर दिया गया है। यह भवन गांधी भवन के नाम से जाना जाएगा। 9 दिसंबर को इसका लोकार्पण भी होना है। इस स्थिति में यह माना जा रहा है कि विश्वविद्यालय प्रबंधन इस भवन को विश्वविद्यालय के कार्यों या छात्र-छात्राओं की पढ़ाई के लिए उपयोग कर सकता है। इसकी जानकारी देते हुए कुलपति संजीव कुमार शर्मा व प्रति कुलपति अनिल कुमार राय ने कहा कि सरकारी स्तर पर जो भूमि केविवि को सौंपी गई थी उसमें एक भवन भी था। जिसके स्वरूप में बदलाव कर इसे बेहतर करने का प्रयास किया गया है। हालांकि मुख्य रूप से राष्ट्रपति के आने व भवन की आधारशिला रखे जाने के बाद इस भूमि पर प्रशासनिक व शैक्षणिक भवनों के निर्माण की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। आने वाले कुछ वर्षों में विश्वविद्यालय ले लेगा अपना स्वरूप केंद्रीय विश्वविद्यालय को दो चरणों में 136 एकड़ भूमि मिल चुकी है। केविवि प्रबंधन विश्वविद्यालय के निर्माण को लेकर गंभीर है। भूमि उपलब्ध होने के साथ इस परिसर में गतिविधि बढ़ा दी गई है। यदि सबकुछ ठीक रहा तो आने वाले कुछ वर्षों में विश्वविद्यालय अपने स्वरूप में आ जाएगा। जहां इसका अपना शैक्षणिक भवन, प्रशासनिक भवन, छात्रावास, खेल मैदान, पुस्तकालय समेत तमाम सुविधाएं उपलब्ध रहेगी। बता दें कि अभी विश्वविद्यालय जगह के अभाव के कारण कई जगहों पर संचालित हो रहा है। जिला स्कूल के अलावा बलुआ में शैक्षणिक गतिविधि व रघुनाथपुर में प्रशासनिक कार्य किया जा रहा है। भवन के निर्माण होने के साथ एक ही परिसर में सभी कार्य होंगे और छात्र-छात्राओं व प्राध्यापकों की परेशानी दूर हो जाएगी।
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