बारिश में बह गए किसानों के अरमान, पकी फसलें बर्बाद देख पी रहे छाती

मोतिहारी । जिले में चार दिनों से हो रही बारिश से जहां जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 20 Oct 2021 11:04 PM (IST) Updated:Wed, 20 Oct 2021 11:04 PM (IST)
बारिश में बह गए किसानों के अरमान, पकी फसलें बर्बाद देख पी रहे छाती
बारिश में बह गए किसानों के अरमान, पकी फसलें बर्बाद देख पी रहे छाती

मोतिहारी । जिले में चार दिनों से हो रही बारिश से जहां जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। वहीं किसानों के सारे अरमान धोकर रख दिए हैं। खेतों में पकी फसलों को बर्बाद होते देखकर उनका कलेजा फटा जा रहा है। किसानों को सबसे अधिक नुकसान पहुंचा है। खेतों में पककर तैयार धान को देखकर पहले जहां किसान गदगद थे, वहीं बारिश में उसे मिट्टी व पानी में डूबा देखकर उनका कलेजा फटा जा रहा है। धान की कटनी में विलंब का असर गेहूं की बुआई पर भी पड़ सकता है। किसान अशोक ओझा, वीरेंद्र साह, पवन श्रीवास्तव, अनत महतो, बुधन राउत आदि ने बताया कि तेज हवा के साथ हुई बारिश के कारण दाना भरे धान की फसल गिर जाने के कारण नुकसान की संभावना बढ़ गई है। हालांकि देर से लगाए गए धान की फसल को बारिश से फायदा होने की भी उम्मीद है। पके हुए धान फसल के गिर जाने व खेतों में पानी भर जाने से नुकसान का खतरा बढ़ गया है। बारिश के कारण खेतों में लगी धान, दलहन में अरहर व सब्जी की फसल को भी नुकसान पहुंचा है। वहीं जमीन पर होनेवाली सब्जी फसल को भी नुकसान का अनुमान है। सब्जी उत्पादक किसान संतोष कुशवाहा, जयमंगल प्रसाद कुशवाहा, संजय प्रसाद आदि ने बताया कि आलू सहित अन्य सब्जियों की खेती को भी नुकसान पहुंचा है। धान की फसल से काफी उम्मीदें थी लेकिन प्रकृति की मार ने उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। वर्जन

बेमौसम बारिश से कुछ फसलों को क्षति जरूर हुई है, लेकिन अबतक जिले के किसी प्रखंड से फसल क्षति की रिपोर्ट प्राप्त नहीं है। सभी प्रखंड कृषि पदाधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश देते हुए किसानों को हुई क्षति के आकलन का आदेश दिया गया है।

चंद्रदेव प्रसाद

जिला कृषि पदाधिकारी

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