गंगा स्नान पर लाखों श्रदालुओं ने गंडक में लगाई डुबकी, सोमेश्वर नाथ मंदिर में टेका माथा

मोतिहारी। कार्तिक पूर्णिमा के मौके पर अनुमंडल क्षेत्र के गंडक नदी के गोविन्दगंज मलाही नगदाह

By JagranEdited By: Publish:Mon, 30 Nov 2020 11:40 PM (IST) Updated:Mon, 30 Nov 2020 11:40 PM (IST)
गंगा स्नान पर लाखों श्रदालुओं ने गंडक में लगाई डुबकी, सोमेश्वर नाथ मंदिर में टेका माथा
गंगा स्नान पर लाखों श्रदालुओं ने गंडक में लगाई डुबकी, सोमेश्वर नाथ मंदिर में टेका माथा

मोतिहारी। कार्तिक पूर्णिमा के मौके पर अनुमंडल क्षेत्र के गंडक नदी के गोविन्दगंज, मलाही, नगदाहा, पुछरिया सहित आधा दर्जन घाटों पर श्रदालु भक्तों ने कड़ी सुरक्षा के बीच स्नान कर दान उपादान किया। साथ ही गंडक नदी के सदानीरा जल लेकर प्राचीन व एतिहासिक सोमेश्वर नाथ मंदिर में माथा टेक पूजा-अर्चना की। श्रदालुओं की सबसे ज्यादा भीड़ गोविन्दगंज घाट पर देखी गई। जहां पर पुलिस प्रशासन सुरक्षा को लेकर रविवार की रात्रि से ही डटे दिखे। अंचलाधिकारी पवन कुमार झा ने बताया कि गोविन्दगंज घाट पर लाखों की संख्या में पुरुष व महिला भक्त कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर स्नान करने के लिए रविवार की रात्रि से ही पहुंचने लगे। स्नान करने आए श्रद्धालु भक्तों की सुरक्षा के लिए गोविन्दगंज थाना के पुलिस पदाधिकारी व जवान गश्त लगाते रहे। वही घाट पर जाने वाले सस्ते में लाइट की व्यवस्था की गई थी। साथ ही गोताखोर व नाव की व्यवस्था किया गया था। सोमवार को गंडक नदी में स्नान के उपरांत सोमेश्वर नाथ महादेव मंदिर में श्रदालुओं ने पंचमुखी शिवलिग पर जलाभिषेक कर पूजा-अर्चना की। मंदिर परिसर में ओपी पुलिस व दंडाधिकारी मौजूद थे।

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कोरोना पर भारी पड़ी आस्था, हजारों श्रद्धालुओं ने गंडक में लगाई डुबकी फोटो 30 एमटीएच 11 से 14- -कार्तिक पूर्णिमा पर स्नान को लेकर गंडक नदी के डुमरियाघाट पर पहुंचे करीब दस हजार श्रद्धालु - नदी घाट पर स्नान के बाद दीपदान कर की भगवान भास्कर की उपासना डुमरियाघाट, संस : कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर पौराणिक एवं पवित्र गंडक नदी के डुमरियाघाट पर सोमवार को हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने स्नान किया। कोरोना काल को लेकर पहले के अपेक्षा काफी कम संख्या में श्रद्धालुगण स्नान करने पहुंचे। यहां करीब दस हजार की संख्या में श्रद्धालुओं ने स्नान किया। पहले जहां गंगा स्नान को लेकर एक से डेढ़ लाख श्रद्धालु पहुंचते थे। वही इस वर्ष कोरोना के मार के कारण स्नान करने आने वाले श्रद्धालु के संख्या में काफी कमी देखी गई। घाट पर जिला प्रशासन द्वारा किसी तरह का इंतजाम नहीं करने और अव्यवस्था को लेकर जिले के अधिकांश श्रद्धालु डुमरियाघाट पुल पारकर नदी उस पार खोरमपुर घाट पर जाकर स्नान करने चले गए। वही कोरोना को लेकर सरकारी पाबंदी के कारण यहां पूर्व की तरह मेला भी नहीं लगा। हालांकि आंशिक रूप से दुकान लगे थे। स्नान की भीड़ में फाजिकल डिस्टेंस का पालन होता नहीं दिखा। श्रद्धालुओं ने स्नान के बाद घाट पर ही नदी की पूजा-अर्चना कर भगवान भास्कर को जल अर्पित किया। वही श्रद्धालु भक्तों ने नदी घाट पर गन्ना से कोसी भरा एवं प्रसाद के रूप में ठेकुआ खजूरी आदि चढ़ाकर पूजा अर्चना की। वही स्नान के बाद श्रद्धालुओं ने दीप दान किया। वही लोगों ने घाट पर गरीबों के बीच जमकर दान किया। ऐसी मान्यता है की गंडक में कार्तिक पूर्णिमा को स्नान कर दान पुण्य करने से सभी बुरे कर्मो एवं पाप संताप से मुक्ति मिलती है व काया निरोगी होता है। नदी घाट और नदी के समीप स्थित स्थानीय प्रसिद्ध नरसिंह बाबा मंदिर परिसर में रामधुन अष्टयाम आयोजित किया गया था। यहां कोटवा, केसरिया, कल्याणपुर, चकिया, पिपरा, पिपराकोठी, जीवधारा, संग्रामपुर, तुरकौलिया, हरसिद्धि, अरेराज आदि जगहों से स्नान के लिए पहुंचे थे। वही विधि व्यवस्था के लिए दंडाधिकारी के रूप में केसरिया प्रखंड सहकारिता पदाधिकारी कन्हैया राम, नगर कार्यपालक पदाधिकारी जय कुमार व पुअनि अरुण कुमार, सअनि जय कुमार समेत पुलिस बल के जवान शामिल थे। थानाध्यक्ष रमण कुमार ने बताया की क्षेत्र में शांतिपूर्ण ढंग से गंगा स्नान का त्योहार समाप्त हुआ।

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