शिक्षक को समझना होगा कि यह सरकार नहीं शिक्षक की नीति

मोतिहारी। महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय के चाणक्य परिसर स्थित पंडित राजकुमार शुक्ल सभागा

By JagranEdited By: Publish:Mon, 01 Mar 2021 12:10 AM (IST) Updated:Mon, 01 Mar 2021 12:10 AM (IST)
शिक्षक को समझना होगा कि यह  सरकार नहीं शिक्षक की नीति
शिक्षक को समझना होगा कि यह सरकार नहीं शिक्षक की नीति

मोतिहारी। महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय के चाणक्य परिसर स्थित पंडित राजकुमार शुक्ल सभागार में विश्वविद्यालय के भारतीय शिक्षण मंडल (उत्तर बिहार) नीति आयोग, भारत सरकार एवं महात्मा गांधी केन्द्रीय विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में राष्ट्रीय शिक्षा नीति में शिक्षकों की भूमिका पर राष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित की गई। अध्यक्षता करने हुए कुलपति प्रो. संजीव कुमार शर्मा ने कहा कि विश्वविद्यालय हमेशा नई शिक्षा नीति को कार्यान्वयन के लिए तत्पर है। इससे पहले भी नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति संगोष्ठी का आयोजन किया गया है। मुख्य वक्ता के रूप में भारतीय शिक्षण मंडल के राष्ट्रीय महासचिव डॉ. उमाशंकर पचौरी ने कहा कि स्वतंत्रता के बाद कई नई शिक्षा नीति आई। लेकिन नई शिक्षा नीति-2020 की 185 सालों बाद आई हैं। यदि इसे हम लागू नहीं करा पाते हैं तो हमें 1835 के समय के शिक्षा में चले जाएंगे। कहा कि सिर्फ नीति बनाने से काम नहीं चलेगा। शिक्षक को समझना होगा कि यह सरकार का नहीं यह शिक्षक की नीति है। तभी जाकर सही से क्रियान्वित हो पाएगा। यदि शिक्षक ही उदासीन रहेंगे तो सरकार या पूरी दुनिया इसे लागू नहीं कर सकती। मुख्य अतिथि राम मनोहर लोहिया विश्विद्यालय,अयोध्या के पूर्व कुलपति प्रो. मनोज दीक्षित ने कहा कि कोरोना काल में इतिहास बदला नहीं, इतिहास बदलने की शुरुआत हुई। व‌र्त्तमान शिक्षा से 90 प्रतिशत से अधिक लोग संतुष्ट नहीं है। हर कोई चाहता है परिव‌र्त्तन हो। हमें आने वाली पीढ़ी को शिखर पर ले जाने के लिए शिक्षकों को नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर अमल करना होगा। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर कई प्राध्यापकों एवं शोधार्थियों ने अपने-अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम का संयोजक वाणिज्य एवं प्रबंधन विभाग के अधिष्ठाता एवं विभागाध्यक्ष प्रो. पवनेश कुमार, राजनीति विभाग एवं विश्वविद्यालय के विशेष कार्याधिकारी डॉ. राजीव कुमार, सामाजिक कार्य विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो.विजय कुमार शर्मा, गांधी एंड पीस विभाग के डॉ. असलम खान, डॉ. युगल दाधीच, मंच संचालन डॉ. विश्वेश, आयोजन सचिव मीडिया अध्ययन विभाग के शोधार्थी नवीन तिवारी एवं धन्यवाद ज्ञापन सह-संयोजक राजनीति विज्ञान विभाग के डॉ. नरेन्द्र सिंह किया।

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