कारगिल विजय दिवस पर निकली तिरंगा यात्रा, शहीदों को किया नमन

मोतिहारी। कारगिल विजय दिवस पर सोमवार को युवा संगठन के अध्यक्ष रंजीत गिरि के नेतृत्व में गां

By JagranEdited By: Publish:Tue, 27 Jul 2021 12:06 AM (IST) Updated:Tue, 27 Jul 2021 12:06 AM (IST)
कारगिल विजय दिवस पर निकली तिरंगा यात्रा, शहीदों को किया नमन
कारगिल विजय दिवस पर निकली तिरंगा यात्रा, शहीदों को किया नमन

मोतिहारी। कारगिल विजय दिवस पर सोमवार को युवा संगठन के अध्यक्ष रंजीत गिरि के नेतृत्व में गांधी स्मारक से तिरंगा यात्रा निकाली गई। कारगिल शहीदों की याद में निकली यह यात्रा शौर्य स्तंभ पर पहुंच कर श्रद्धांजलि सभा में तब्दील हो गई। इस अवसर पर कार्यकर्ताओं ने कारगिल के शहीद योद्धाओं को नमन करते हुए पुष्पांजलि अर्पित की और उनकी याद में पौधे लगाए। तिरंगा यात्रा की शुरुआत मुख्य अतिथि शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. संजीव रंजन और दीपक कश्यप द्वारा की गई । वही शहीदों के याद में नि:श्वार्थ फाउंडेशन के केशव कृष्णा द्वारा पौधे लगाया गया । मौके पर सर्व सेवा संघ के विनय कुमार, स्वतंत्रता सेनानी ऋषि जी की पुत्री अमिता निधि, जिला कबड्डी संघ के सचिव दीपक कश्यप, जिला सचिव बॉक्सिग संघ पवन कुमार, राज्य बॉल बैडमिटन के सचिव गौरी शंकर जी, अंतराष्ट्रीय खिलाड़ी संगीता कुमारी, राष्ट्रीय प्लेयर ज्योति कुमारी की उपस्थिति रही। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सामाजिक कार्यकर्ता रंजीत गिरि ने कहा कि सिविल सोसाइटी और युवा संगठन के संघर्ष के परिणाम स्वरूप कारगिल शहीदों सम्मान में शौर्य स्तंभ को शासन-प्रशासन द्वारा बनवाया गया। लेकिन दु:ख की बात ये है कि आज पूरा देश कारगिल दिवस मना रहा है, यहां तक कि प्रधानमंत्री जी मन की बात में याद कर रहे है वही मोतिहारी में कारगिल शहीदों की याद में बने शौर्य स्तंभ परिषर में शासन-प्रशासन द्वारा कोई कार्यक्रम भी नहीं किया जाता है। उन्होंने कहा कि ''1971 में पाकिस्तान के नापाक इरादों को नेस्तनाबूद करने के बाद वर्ष 1999 में मई से जुलाई तक भारतीय सेना के जवानों ने 12 हजार फीट से अधिक की उंचाई पर कारगिल द्रास, काकसर, बटालिक और तुतुर्क क्षेत्रों में ऐतिहासिक लडाई लडी। इस कठिनतम लडाई में हमारी सेना के 527 सपुत शहीद और 1363घायल हुए। लेकिन हमारी सेना के अदम्य पराक्रम और भारत मां की सुरक्षा के लिए अपने को कुर्बान करने के संकल्प ने पाकिस्तान के कश्मीर के कब्जे के षडयंत्र को फिर विफल किया।

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