चार चरणों में हटाया जाएगा मोतीझील का अतिक्रमण
मोतिहारी। मोतीझील से अतिक्रमण हटाने के लिए महाभियान 28 जनवरी से प्रारंभ किया जाएगा। अतिक्र
मोतिहारी। मोतीझील से अतिक्रमण हटाने के लिए महाभियान 28 जनवरी से प्रारंभ किया जाएगा। अतिक्रमण को हटाने को लेकर संसाधनों व सुरक्षा की व्यवस्था की समीक्षा जिलाधिकारी शीर्षत कपिल अशोक व एसपी नवीन चंद्र झा ने शनिवार को की। डीएम ने कहा कि सरकारी भूमि पर किसी प्रकार का अतिक्रमण जायज नहीं है। हर हाल में 28 जनवरी से इस अभियान को चलाना है। अपर समाहर्ता शशि शेखर चौधरी ने मोतीझील से 4 फेज में अतिक्रमण हटाने संबंधी प्रस्ताव को जिलाधिकारी के सामने रखा। 138 अतिक्रमणकारियों के हाउस टू हाउस सर्वे रिपोर्ट को भी जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक ने योजनावार गहन समीक्षा की। प्रथम फेज में रोइंग क्लब से गांधी चौक तक मोतीझील से बड़े बिल्डर के अतिक्रमण को हटाया जाएगा। जिसके लिए जेसीबी, मजदूरों के अलावा अन्य उपकरण का इंतजाम नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी को करने का निर्देश दिया। साथ ही कार्यपालक पदाधिकारी नगर परिषद को मलवा हटाने के लिए भी ट्रैक्टर ट्रॉली का इंतजाम करने को कहा गया। जिलाधिकारी ने अनुमंडल पदाधिकारी सदर, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी को योजनाबद्ध ढंग से 10 से 15 दिनों के अंदर अतिक्रमण को हटाने का निर्देश दिया। कहा कि जितने भी ड्रेनेज का अतिक्रमण शहरी क्षेत्र में किया गया है उसे लोग स्वत: खाली कर दें। जिलाधिकारी ने आम जनता से अपील की है कि वे इस कार्य में सहयोग करें। नगर परिषद के अध्यक्ष से भी इसमें सहयोग करने को कहा। नाला को अतिक्रमण मुक्त कराने के बाद उसपर दोबारा अतिक्रमण करने की स्थिति में अतिक्रमणकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की भी बात कही। कहा कि इस अभियान से शहर का स्वच्छ वातावरण बनेगा और मोतीझील का कायाकल्प हो सकेगा। जिलाधिकारी ने कहा कि जिन्होंने भी अतिक्रमण किया है और वे तय समय के अंदर अतिक्रमण नहीं हटाते हैं तो इस कार्य में लगने वाला खर्च भी उनसे वसूल की जाएगी। इसके लिए उनपर नीलाम पत्र दायर किया जाएगा। डीएम ने कहा कि यदि अतिक्रमण हटाने में उनके निजी सामान की क्षति होती है तो यह उनकी व्यक्तिगत जिम्मेदारी होगी। बैठक में मुख्य पार्षद नगर परिषद अंजू देवी, अनुमंडल पदाधिकारी सदर प्रियरंजन राजू, भूमि सुधार उप समाहर्ता, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी, गोपनीय शाखा के विशेष कार्य पदाधिकारी एवं अन्य प्रशासनिक पदाधिकारी समेत अंचलाधिकारी एवं अमीन मौजूद थे।