हड़ताल से बैंकों में 1500 करोड़ का कारोबार प्रभावित

मोतिहारी। निजीकरण के खिलाफ स्टेट बैंक के साथ-साथ अन्य व्यावसायिक बैंक और ग्रामीण बैंक म

By JagranEdited By: Publish:Tue, 16 Mar 2021 12:09 AM (IST) Updated:Tue, 16 Mar 2021 12:09 AM (IST)
हड़ताल से बैंकों में 1500 करोड़ का कारोबार प्रभावित
हड़ताल से बैंकों में 1500 करोड़ का कारोबार प्रभावित

मोतिहारी। निजीकरण के खिलाफ स्टेट बैंक के साथ-साथ अन्य व्यावसायिक बैंक और ग्रामीण बैंक में हुई हड़ताल के पहले दिन जिले में एक हजार पांच करोड़ का कारोबार प्रभावित हुआ। व्यवसायिक बैंक और ग्रामीण बैंक की 178 शाखाओं में दिन भर ताले लटके रहे। इससे कोई ट्रांजेक्शन नहीं हो सका। बैंककर्मियों द्वारा अपने प्रशासनिक कार्यालयों पर बैंक निजीकरण के विरुद्ध जमकर नारेबाजी की गई। पैसे के लिए ग्राहक एटीएम पर लंबी कतार लगाते रहे, परंतु दोपहर तक अधिकांश एटीएम ड्राई हो गए और शाम तक प्राइवेट बैंक के एटीएम पर भी '''' नो कैश '''' के बोर्ड लटक गए। उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक के बलुआ टाल क्षेत्र कार्यालय व पीएनबी की सर्किल ऑफिस के समक्ष बैंककर्मियों ने निजीकरण के विरुद्ध प्रदर्शन करते हुए ग्रामीण बैंक में 11वां द्विपक्षीय वेतन समझौता शीघ्र लागू करने की मांग की। बैंक कर्मी 11 बजे बाबूधाम स्टेट बैंक, ज्ञानबाबू चौक के पास इकट्ठा होकर मुख्य मार्ग में मार्च निकाला और स्टेट बैंक की बाजार शाखा पहुंच कर रैली की, जिसे स्टेट बैंक के विसर्जन, गौरव झा,लीलाधर झा,कनाडा बैंक के पंकज कुमार श्रीवास्तव, पंजाब नेशनल बैंक के अजय कुमार सिंह, बैंक ऑफ इंडिया के सुनील कुमार, सेन्ट्रल बैंक के सुरेन्द्र सिंह, धनंजय कुमार भारती, गुड्डू कुमार, यूको बैंक के अमित कुमार, यूनियन्स बैंक के अजित कुमार और बैंक ऑफ बड़ौदा के शंभू यादव ने संबोधित किया। उनके अलावा ईस्टर्न रेलवे यूनियन्स के अध्यक्ष एके पटेल, शिक्षक संघ से हरिश्चंद्र चौधरी ने भी रैली को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार सार्वजनिक क्षेत्र की संस्थाओं का निजीकरण कर आम आदमी को कारपोरेट सेक्टर का गुलाम बनाना चाहती है। ट्रेड यूनियन्स सरकार की मंशा को कामयाब नहीं होने देंगे। इस क्रम में यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस के संयोजक डीएन त्रिवेदी ने बताया कि पहले दिन की हड़ताल सफल रही और मंगलवार को भी बैंककर्मी अपनी मांग को लेकर जोरदार प्रदर्शन करेंगे।

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