सिक्की कला ने खोली रोजगार की राह

मोतिहारी । जिले के तुरकौलिया प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत जयसिंहपुर की महिलाओं ने सिक्की कला से रोजगार की नई राह खोल ली है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 23 Sep 2021 11:46 PM (IST) Updated:Thu, 23 Sep 2021 11:46 PM (IST)
सिक्की कला ने खोली रोजगार की राह
सिक्की कला ने खोली रोजगार की राह

मोतिहारी । जिले के तुरकौलिया प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत जयसिंहपुर की महिलाओं ने सिक्की कला से रोजगार की नई राह खोल ली है। यहां के करीब दो सौ से अधिक परिवार इस कार्य से जुड़े हैं। पहले ग्रामीण महिलाएं इस कला का उपयोग कर अपने घरों में उपयोग होनेवाले सामग्री तैयार करने में करती थीं। बाद में यहां यह कला विलुप्त होती चली गई, लेकिन भारत सरकार के वस्त्र मंत्रालय की पहल पर गांव के लोगों ने एउसे आधुनिक स्वरूप में ढाल दिया है। सरकारी स्तर पर प्रशिक्षण के बाद इस कला को न केवल जीवंत किया है, बल्कि इससे प्रतिमाह पांच से 10 हजार की आय भी कर रहे हैं। यहां डलिया, डगरा, छितनी, मौनी समेत कई प्रकार के सामान को बेहतर नक्काशी के साथ तैयार किया जा रहा है। यहां के सामान आसपास के जिलों के अलावा दूसरे प्रदेशों में भी भेजे जा रहे हैं।

गांव के आसपास व स्थानीय बाजार में सिक्की उपलब्ध

गांव के आसपास महिलाओं को आसानी से सिक्की मिल जाती है। हाल के महीनों में प्रशिक्षण के बाद महिलाएं इस कार्य को प्रोफेशनल तरीके से करने लगी हैं। प्रतिदिन सिक्की को एकत्र करना उनकी दिनचर्या में शामिल हो गया है। स्थानीय बाजार में भी अब सिक्की उपलब्ध है। इसे सस्ते मूल्य पर खरीदारी कर इससे महिलाएं विभिन्न प्रकार के सामान को तैयार कर रही हैं। सामान को तैयार करने की विधि तो वैसे तो अभी भी पारंपरिक है, पर प्रशिक्षण के बाद उसपर विभिन्न प्रकार की कलाकृति करने से उसका आकर्षण बढ़ा है। घर की महिलाएं अपने गृह कार्य करने के साथ इस कार्य को आसानी से कर रही हैं। महिलाओं ने कहा कि पहले वह इस प्रकार के सामान को अपने घर के लिए तैयार करती थी, पर बाजार में इसकी मांग बढ़ने के बाद वह इसे बेचकर आय प्राप्त कर रही हैं। बताया गया कि वस्त्र मंत्रालय की पहल व स्थानीय सामाजिक संस्था रंजीत मिशन के सहयोग से महिलाओं को फरवरी 2021 में प्रशिक्षण दिया गया। इसके अलावा पीपराकोठी, हरसिद्धि, ढाका समेत कई प्रखंडो में समय-समय पर रंजीत मिशन द्वारा प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

जेम पोर्टल के माध्यम से भी होती सामानकी बिक्री

जयसिंहपुर की महिला पुष्पा देवी ने कहा कि प्रशिक्षण के बाद काम करने वालों की रफ्तार बढ़ गई है। यहां के बने सामान स्थानीय बाजार के अलावा राज्य के अन्य शहरों में भेजा जा रहा है। जेम पोर्टल के माध्यम से भी सामान की बिक्री की जाती है। कोटवा की प्रभा देवी, रामपति देवी, घाघो देवी, शीला देवी, शालू देवी, रजनी देवी, खुशबू देवी समेत अन्य महिलाओं ने कहा कि वह इस व्यवसाय से संतुष्ट है। संस्था के अध्यक्ष रंजीत कुमार यादव कहते हैं कि प्रशिक्षण के साथ महिलाओं को जागरूक कर इस पारंपरिक कला को विकसित करने का प्रयास किया जा रहा है।

वर्जन

सिक्की कला पारंपरिक कला है। जिले में अगर इस प्रकार के कार्य के लिए महिलाएं इच्छुक है तो उन्हें प्रशिक्षण देकर कार्य करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।

शीर्षत कपिल अशोक

जिलाधिकारी, पूर्वी चंपारण

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